गुरुवार को दिल्ली में इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा, जब न्यूनतम तापमान गिरकर 4.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम था और शिमला (5 डिग्री सेल्सियस) तथा मसूरी (6.9 डिग्री सेल्सियस) जैसे कुछ हिल स्टेशनों से भी ठंडा था। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राजधानी के कुछ हिस्सों में शीत लहर की स्थिति की पुष्टि की और शनिवार तक इसी तरह के मौसम के बने रहने की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
तापमान में गिरावट का कारण
IMD के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ और हिमालय में ताजा बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आई है। IMD के एक अधिकारी ने बताया, “8 दिसंबर से शुरू हुए पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित किया है और पहाड़ों पर ताजा बर्फबारी ला रहा है। इससे मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है।” एजेंसी ने यह भी कहा कि यदि हवा की गति और दिशा में बदलाव नहीं हुआ, तो तापमान में और गिरावट हो सकती है।
शीत लहर का वर्गीकरण
शीत लहर की स्थिति तब मानी जाती है जब न्यूनतम तापमान 10°C से कम हो और सामान्य से कम से कम 4.5°C कम हो। बुधवार को, दिल्ली में तापमान 4.9°C दर्ज किया गया, जो 1987 के बाद का सबसे कम था। यह शीत लहर की शुरुआत को दर्शाता है।
दिल्ली में सबसे ठंडे स्थान
शहर के विभिन्न हिस्सों में आयानगर और पूसा सबसे ठंडे क्षेत्र रहे। आयानगर में न्यूनतम तापमान 3.8°C और पूसा में 3.2°C दर्ज किया गया।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएँ रविवार तक चलती रहेंगी। शुक्रवार तक बर्फबारी रुकने की संभावना है, जिसके बाद न्यूनतम तापमान में 1-2 डिग्री की मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
दिसंबर का बेमौसम पैटर्न
हालांकि ठंड का प्रकोप जारी है, IMD का कहना है कि दिसंबर में उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रह सकती है। गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। पालम क्षेत्र में सबसे कम 19.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
शीत लहर की स्थिति को देखते हुए नागरिकों को ठंडी सुबह और सर्द दिनों के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है। गर्म कपड़े पहनने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने का सुझाव दिया गया है ताकि ठंड से बचा जा सके।