इज़राइली सेना के अनुसार, यमन के हौथी विद्रोहियों ने उत्तरी इज़राइल की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसे इज़राइली डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक मार गिराया। इस हमले में किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है।
बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे (01:00 GMT) के कुछ समय बाद, हाइफ़ा, क्रेयोट और गैलिली सागर के पश्चिम में अन्य क्षेत्रों में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। मिसाइल हमले की पुष्टि इज़राइली सेना द्वारा की गई, जिसने इसे एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बताया।
हौथी विद्रोही, जो ईरान समर्थित हैं, आमतौर पर उत्तरी इज़राइल को निशाना नहीं बनाते, इसलिए यह हमला एक असाधारण घटना माना जा रहा है। यह हमला उस समय हुआ है जब हौथी विद्रोही लगातार अमेरिकी हवाई हमलों का सामना कर रहे हैं, जो 15 मार्च से लगभग रोज़ाना जारी हैं।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में गाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से हौथियों ने फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इज़राइल की ओर कई बार मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। हौथी विद्रोही यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं, और इज़राइली सेना ने उनकी राजधानी सना समेत अन्य ठिकानों पर कई बार हवाई हमले किए हैं।
हालांकि, हूथियों ने इस हमले की जिम्मेदारी तत्काल नहीं ली है, लेकिन उनके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह सामान्य है कि वे अपने हमलों को स्वीकार करने में घंटों या कभी-कभी दिनों का समय लेते हैं।
अमेरिकी हमले जारी
इसी बीच, अमेरिका ने बुधवार सुबह भी यमन के हूथी विद्रोहियों पर हवाई हमले किए। ये हमले होदेइदाह, मारिब और सादा प्रांतों में किए गए। हौथियों ने बताया कि मारिब में अमेरिकी हमलों ने दूरसंचार उपकरणों को निशाना बनाया, जो पहले से ही अमेरिकी लक्ष्य रहे हैं।
जवाबी कार्रवाई में हौथियों ने अमेरिकी ड्रोन को निशाना बनाना तेज कर दिया है। हौथी सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने मंगलवार रात को कहा कि उन्होंने यमन के उत्तर-पश्चिमी हज्जाह प्रांत के ऊपर एक MQ-9 रीपर ड्रोन को मार गिराया है।
MQ-9 रीपर ड्रोन की कीमत लगभग 30 मिलियन डॉलर होती है और ये 40,000 फीट (12,100 मीटर) की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं। ये ड्रोन 30 घंटे तक हवा में रह सकते हैं और अमेरिका की सेना व सीआईए द्वारा अफगानिस्तान, इराक और यमन में लंबे समय से इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
हौथियों का दावा है कि उन्होंने पिछले दशक में अब तक 26 MQ-9 ड्रोन को मार गिराया है। अमेरिकी सेना ने इस रिपोर्ट की पुष्टि की है, लेकिन फिलहाल इस पर विस्तृत टिप्पणी नहीं की है।
अमेरिका का कहना है कि वह हौथी “आतंकवादियों” को निशाना बनाकर लाल सागर जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार मार्ग और इज़राइल में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहा है।

