14 साल बाद भी महेश बाबू की कल्ट क्लासिक फिल्म ‘खलेजा’ को उनके वफादार प्रशंसक वर्ग का भरपूर प्यार मिल रहा है। त्रिविक्रम श्रीनिवास द्वारा निर्देशित और अनुष्का शेट्टी के साथ अभिनय से सजी यह 2010 की फंतासी-एक्शन-कॉमेडी फिल्म अब एक शानदार रीमास्टर्ड 4K वर्जन में फिर से सिनेमाघरों में लौटी है। जैसे-जैसे महेश बाबू एसएस राजामौली, प्रियंका चोपड़ा और पृथ्वीराज सुकुमारन के साथ अपने बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे हैं, उनके फैन्स उनके पुराने काम को भी नए उत्साह के साथ सेलिब्रेट कर रहे हैं।
री-रिलीज़ का धमाकेदार स्वागत
‘खलेजा’ की आधिकारिक री-रिलीज़ 30 मई को हुई, लेकिन इससे एक दिन पहले यानी 29 मई को देशभर में विशेष नाइट शोज़ का आयोजन किया गया। इस फिल्म ने उत्तरी अमेरिका में धमाकेदार शुरुआत की और 29 मई की शाम तक 96 लोकेशनों से कुल 51,058 अमेरिकी डॉलर (लगभग 43 लाख रुपये) की कमाई कर ली। इससे यह साबित हो गया कि तेलुगु प्रवासी दर्शकों के बीच महेश बाबू की लोकप्रियता आज भी अडिग है।
भारत में भी एडवांस बुकिंग का रिकॉर्ड
भारत में भी ‘खलेजा’ की री-रिलीज़ को ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। विशेष नाइट शो के टिकटों सहित फिल्म की एडवांस बुकिंग ने घरेलू स्तर पर 3.50 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। यह अब तक किसी भी तेलुगु फिल्म की री-रिलीज़ के लिए सबसे बड़ी प्री-सेल है। इससे पहले, री-रिलीज़ के पहले दिन सबसे ज़्यादा कमाई का रिकॉर्ड प्रभास की ‘सालार: पार्ट 1 – सीज़फायर’ के नाम था, जिसने लगभग 3 करोड़ रुपये कमाए थे।
कल्ट क्लासिक की वापसी
‘खलेजा’ की री-रिलीज़ को लेकर दर्शकों में सिर्फ़ नॉस्टैल्जिया ही नहीं है, बल्कि इसके खास ह्यूमर, दमदार डायलॉग्स और महेश बाबू की करिश्माई स्क्रीन प्रेज़ेंस के चलते यह फिल्म अब एक पंथ क्लासिक बन चुकी है। अपनी मूल रिलीज़ के समय भले ही फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर मिश्रित प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन समय के साथ इसने अपने लिए एक मजबूत फैन बेस तैयार कर लिया। रीमास्टर्ड 4K प्रिंट और डॉल्बी एटमॉस साउंड में इसे दोबारा बड़े पर्दे पर देखना दर्शकों के लिए एक खास अनुभव बन गया है।
री-रिलीज़ का ट्रेंड और महेश बाबू का भविष्य
इस फिल्म की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी क्लासिक टाइटल को सही मार्केटिंग और बेहतरीन प्रस्तुति के साथ फिर से रिलीज़ किया जाए, तो वह आज के दर्शकों को भी आकर्षित कर सकती है और नए रिकॉर्ड बना सकती है। यह सफलता ऐसे समय पर आई है जब महेश बाबू अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट के लिए एसएस राजामौली के साथ कमर कस रहे हैं — एक ऐसी फिल्म जो अपने आधिकारिक लॉन्च से पहले ही सुर्खियों में है।
आगे की उम्मीदें
जैसे-जैसे सप्ताहांत करीब आ रहा है, ट्रेड एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि ‘खलेजा’ की यह री-रिलीज़ न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार प्रदर्शन जारी रखेगी। यह न सिर्फ़ महेश बाबू की जबरदस्त स्टार पावर को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि एक अच्छी तरह से बनाई गई तेलुगु फिल्म समय के साथ और भी निखर सकती है।
‘खलेजा’ की री-रिलीज़ ने इतिहास रच दिया है। यह फिल्म न सिर्फ़ महेश बाबू के फैंस के लिए एक तोहफा है, बल्कि यह तेलुगु सिनेमा के लिए भी एक प्रेरणा है कि गुणवत्ता और जुनून से बनी कहानियाँ कभी पुरानी नहीं होतीं।