Sunday, September 14, 2025

भारत से रत्न एवं आभूषण निर्यात पर अमेरिका द्वारा 27% टैरिफ लगाने का फैसला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से रत्न और आभूषणों के आयात पर 27% टैरिफ लगाने के फैसले ने भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग को गहरा झटका दिया है। उद्योग को आशंका है कि इस निर्णय के बाद दुनिया के सबसे बड़े निर्यात बाजार — अमेरिका — में भारतीय उत्पादों की मांग में भारी गिरावट आएगी, जिससे इस क्षेत्र में नौकरियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग, विशेषकर हीरे की कटाई, पॉलिशिंग और आभूषण निर्माण में काफी हद तक मैनुअल श्रम पर निर्भर है। ऐसे में इस टैरिफ वृद्धि से रोजगार पर खतरा मंडराने लगा है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने कुल 33 बिलियन डॉलर के रत्न एवं आभूषण निर्यात किए, जिनमें से लगभग एक तिहाई — यानी करीब 10 बिलियन डॉलर — का निर्यात अकेले अमेरिका को हुआ था। वर्तमान में अमेरिका भारत से इन उत्पादों पर 6% आयात शुल्क लगाता है, लेकिन अब यह दर बढ़कर लगभग 34% तक पहुंचने की संभावना है।

उद्योग के विशेषज्ञों और निर्यातकों का कहना है कि जब तक भारत और अमेरिका के बीच कोई संतुलित व्यापार समझौता नहीं होता जो इस क्षेत्र के हितों की रक्षा करे, तब तक अमेरिका को रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 30% से 50% तक घट सकता है। यह गिरावट न केवल निर्यातकों बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी प्रभावित करेगी, जिन्हें अब ये उत्पाद महंगे दामों पर खरीदने होंगे।

कामा ज्वेलरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों से हमें इस बात का अंदेशा था कि अमेरिका भारत से आभूषणों पर टैरिफ बढ़ा सकता है। हम 10-15% की वृद्धि के लिए तैयार थे, लेकिन 27% की दर बहुत ज़्यादा है। इससे अमेरिकी खरीदारों के लिए भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे और मांग पर असर पड़ेगा।”

जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने भी इस फैसले को लेकर चिंता जताई है। परिषद के एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए यह पारस्परिक टैरिफ न केवल भारतीय निर्यातकों पर, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी भारी बोझ साबित होंगे। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में असंतुलन पैदा हो सकता है।”

यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब वैश्विक बाजारों में पहले से ही अनिश्चितता बनी हुई है। भारतीय रत्न एवं आभूषण उद्योग, जो पहले ही कच्चे माल की कीमतों और परिवहन लागत में वृद्धि से जूझ रहा है, अब इस नए आयात शुल्क के चलते और दबाव में आ गया है। अब उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उच्च स्तर पर उठाएगी, ताकि उद्योग के हितों की रक्षा की जा सके।

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