इस साल, भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई विमानन क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने के लिए तैयार है। अप्रैल में बहुप्रतीक्षित नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जाएगा। लेकिन इससे भी बड़ी खबर यह है कि मुंबई में अब भारत का पहला अपतटीय हवाई अड्डा बनने जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई के मौजूदा हवाई अड्डे से लगभग 120 किलोमीटर दूर वधवन बंदरगाह के पास एक कृत्रिम द्वीप पर नए हवाई अड्डे की योजना बनाई गई है। यह नया हवाई अड्डा चीन के डालियान जिनझोउ बे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और जापान के कंसाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की तर्ज पर बनाया जाएगा, जो मानव निर्मित द्वीपों पर स्थित हैं।
कृत्रिम द्वीप पर बनेगा मुंबई का तीसरा हवाई अड्डा
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नया हवाई अड्डा पालघर जिले के वधवन बंदरगाह के पास एक कृत्रिम द्वीप पर बनाया जाएगा। यह स्थान मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित है। इस परियोजना को पर्यावरण और रक्षा विभागों के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार से प्रारंभिक मंजूरी मिल चुकी है।
गौरतलब है कि वधवन बंदरगाह 76,000 करोड़ रुपये की एक मेगा परियोजना है, जो पूरी होने के बाद दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में इसकी आधारशिला रखी थी। इसे दो चरणों में विकसित किया जाएगा—पहला चरण 2030 में और दूसरा चरण 2039 में पूरा होगा।
हवाई अड्डे की योजना कैसे बनी?
वधवन बंदरगाह के पास हवाई अड्डे के निर्माण का विचार सबसे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रखा था। उन्होंने कहा था, “आने वाले वर्षों में मुंबई को तीसरे हवाई अड्डे की जरूरत होगी। दुनिया के कई देशों में हवाई अड्डे पुनः प्राप्त भूमि (रीक्लेम्ड लैंड) पर बनाए गए हैं। मेरा सुझाव है कि केंद्र सरकार वधवन बंदरगाह के पास पुनः प्राप्त भूमि पर इस प्रस्ताव पर विचार करे।”
अगर यह परियोजना सफल होती है, तो भारत का यह पहला अपतटीय हवाई अड्डा देश के विमानन क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित होगा।