भारतीय सेना दिवस का यह संदेश देश की सुरक्षा, संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रेरित करता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना की बहादुरी, सेवा और समर्पण को सही मायनों में रेखांकित किया है।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास:
- 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा ने भारतीय सेना की कमान संभाली। यह भारतीय सैन्य स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया।
- इस दिन को “सेना दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
- “समर्थ भारत, सक्षम सेना” थीम:
- इस वर्ष के समारोह की थीम भारत की आत्मनिर्भरता और सशक्त सेना की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाती है।
- भारतीय सेना की बहुआयामी भूमिका:
- सीमाओं की सुरक्षा से लेकर आपदा प्रबंधन, शांति स्थापना और मानवीय सहायता तक, सेना ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
- सेना ने अपनी व्यावसायिकता और अनुशासन के साथ वैश्विक मंच पर भारत का मान बढ़ाया है।
- आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भरता:
- सेना ने तकनीकी प्रगति और स्वदेशी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- राष्ट्र निर्माण में योगदान:
- सेना न केवल सुरक्षा का सबसे मजबूत स्तंभ है, बल्कि देश के समग्र विकास में भी इसकी भूमिका अहम है।
- वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि:
- रक्षा मंत्री ने उन सैनिकों को याद किया जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
निष्कर्ष:
भारतीय सेना का योगदान न केवल देश की सुरक्षा तक सीमित है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। इस सेना दिवस पर, भारतीय सेना की बहादुरी, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हुए, हम सभी को उनके बलिदान और सेवा के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए।