अमेरिका के ओरेगन में जन्मे एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने हाल ही में H-1B वीज़ा नवीनीकरण से जुड़ी नीतियों को लेकर एक अमेरिकी सांसद की सोशल मीडिया पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न केवल इस कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करने की मांग की, बल्कि यहां तक कह दिया कि वीज़ा धारकों को उनके गृह देशों में वापस भेज देना चाहिए।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस पूरे विवाद की शुरुआत अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रिच मैककॉर्मिक की एक X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट से हुई। अपनी पोस्ट में मैककॉर्मिक ने बताया कि उन्होंने H-1B और अन्य “कम जोखिम वाले” वीज़ा धारकों के लिए घरेलू वीज़ा नवीनीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में एक द्विदलीय अभियान में भाग लिया है। उन्होंने लिखा:
“पिछले सप्ताह, मैं H-1B और अन्य कम जोखिम वाले वीजा धारकों के लिए घरेलू वीजा नवीनीकरण का विस्तार करने के लिए एक द्विदलीय अभियान में शामिल हुआ। लागत कम करके, दक्षता बढ़ाकर और अमेरिका को प्रतिस्पर्धी बनाए रखकर हमारे वीजा सिस्टम को आधुनिक बनाने का समय आ गया है।”
मैककॉर्मिक ने साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को संबोधित एक पत्र की तस्वीर भी साझा की, जिसमें अनुरोध किया गया था कि 2024 में शुरू हुए पायलट प्रोग्राम को औपचारिक रूप दिया जाए और इसे और अधिक लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाए।
रोहित जॉय की तीखी प्रतिक्रिया
मैककॉर्मिक की इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहित जॉय, जो अपने X बायो में खुद को “रक्त से भारतीय, जन्म से ओरेगोनियन, और पसंद से टेक्सन” बताते हैं, ने तीखी आलोचना की। उन्होंने लिखा:
“नहीं। सभी H-1B वीज़ा समाप्त हो जाने चाहिए, कार्यक्रम खत्म होना चाहिए और वीज़ा धारकों को उनके गृह देशों में वापस भेज दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि इसका अमेरिका की प्रतिस्पर्धा से कोई लेना-देना नहीं है। उनके अनुसार:
“हमारे प्रमुख राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी देश बड़ी संख्या में विदेशी कर्मचारी नहीं लाते हैं।”
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
रोहित की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छेड़ दी। जहां कुछ लोगों ने उनकी राय का समर्थन किया, वहीं कई लोगों ने उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई।
- एक यूज़र ने समर्थन जताते हुए लिखा: “सहमत। H-1B वीज़ा कार्यक्रम को खत्म करने की ज़रूरत है।”
- दूसरे ने कहा: “बिलकुल! ये लोग अपने स्वागत से ज़्यादा रुक चुके हैं और किसी को परवाह नहीं है!”
- तीसरे यूज़र ने व्यंग्य करते हुए लिखा: “धन्यवाद रोहित। हम कोझिकोड में आपका खुले दिल से स्वागत करेंगे।” इस पर जॉय ने पलटकर जवाब दिया: “मैं कहीं नहीं जा रहा। मैं एक अमेरिकी नागरिक हूँ।”
- एक अन्य ने चेतावनी देते हुए लिखा: “भले ही तुम उनके मुद्दे का समर्थन करो, वो कभी तुम्हारा समर्थन नहीं करेंगे, रोहित। शायद धोखाधड़ी बंद करो और अपने हाल में रहो।”
H-1B वीज़ा को लेकर अमेरिका में बहस कोई नई नहीं है, लेकिन जब कोई भारतीय मूल का अमेरिकी नागरिक ही इसके पूरी तरह से खत्म होने की मांग करता है, तो यह बहस और भी गहरी हो जाती है। इस मुद्दे ने दिखा दिया कि प्रवासी नीतियों को लेकर अमेरिकी समाज में कितनी विविध और तीव्र राय मौजूद हैं — और कैसे ये मुद्दे पहचान, नागरिकता, और अवसर की बहस को नए आयाम देते हैं।

