Friday, October 24, 2025

ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इज़रायल पर सख्त कार्रवाई करने दी चेतावनी

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह स्पष्ट किया है कि इज़रायल गाजा पट्टी में “पूर्ण विजय” हासिल करने तक पीछे नहीं हटेगा। हालांकि, उनकी यह घोषणा उस समय आई जब इज़रायल के तीन प्रमुख सहयोगी – ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा – ने गाजा में मानवीय सहायता पर रोक और सैन्य कार्रवाई को लेकर कड़ी आलोचना की।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी करते हुए इज़रायल की “घोर कार्रवाइयों” की निंदा की और चेतावनी दी कि अगर गाजा में सैन्य आक्रमण नहीं रुका और मानवीय राहत की बहाली नहीं हुई, तो वे “ठोस कार्रवाई” करेंगे।

बयान में कहा गया,

“जब तक नेतन्याहू सरकार यह आक्रामक रवैया अपनाए रखेगी, हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर इज़रायल ने सैन्य आक्रमण बंद नहीं किया और मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंध नहीं हटाए, तो हम इसके जवाब में निर्णायक कदम उठाएंगे।”

हालांकि, इस बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि वे इज़रायल के खिलाफ कौन-से ठोस कदम उठा सकते हैं। फिर भी, इन देशों ने संकेत दिया कि वे फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दो-राज्य समाधान की दिशा में अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेंगे।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा सहित 22 देशों ने इज़रायल से गाजा में “पूरी तरह मानवीय सहायता बहाल” करने की मांग की है। इन देशों ने कहा कि गाजा की आबादी “भुखमरी की स्थिति” का सामना कर रही है और इज़रायल द्वारा सहायता न पहुंचने देना “अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन” है।

साथ ही, इन देशों ने इज़रायल सरकार के कुछ नेताओं द्वारा हाल ही में दिए गए बयानों की भी आलोचना की, जिनमें यह कहा गया था कि गाजा के विनाश से निराश होकर नागरिक पलायन करने लगेंगे। संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि,

“स्थायी रूप से जबरन विस्थापन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के खिलाफ है।”

इज़रायल ने इन आरोपों का पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा के नेताओं के बयान को “हमास के लिए इनाम” बताया। उन्होंने कहा,

“लंदन, ओटावा और पेरिस के नेता हमसे हमारे रक्षात्मक युद्ध को समाप्त करने की मांग करके, 7 अक्टूबर के नरसंहार जैसे और अधिक अत्याचारों को आमंत्रित कर रहे हैं।”

नेतन्याहू ने सभी यूरोपीय नेताओं से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अनुसरण करने और इज़रायल का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा,

“युद्ध कल ही समाप्त हो सकता है अगर हमास अपने हथियार डाल दे, बंधकों को रिहा कर दे, उसके नेता निर्वासित कर दिए जाएं और गाजा को पूरी तरह से विसैन्यीकृत किया जाए। इससे कम किसी भी बात को कोई भी देश स्वीकार नहीं कर सकता, और इज़रायल भी नहीं करेगा।”

प्रधानमंत्री ने इस संघर्ष को “बर्बरता बनाम सभ्यता का युद्ध” बताया और कहा कि इज़रायल न्यायपूर्ण तरीके से अपनी रक्षा तब तक करता रहेगा जब तक “पूर्ण विजय” नहीं प्राप्त हो जाती। टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा,

“गाजा में लड़ाई तीव्र है और हम प्रगति कर रहे हैं। हम पट्टी के सभी क्षेत्रों पर नियंत्रण प्राप्त करेंगे।”

इज़रायल ने 2 मार्च से गाजा को पूरी तरह मानवीय सहायता से वंचित कर रखा है, लेकिन सोमवार को उसने सीमित संख्या में सहायता ट्रकों को प्रवेश की अनुमति देने की घोषणा की।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इज़रायल ने हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के जवाब में गाजा में अपना सैन्य अभियान तेज कर दिया था। उस हमले में 1,218 इज़रायली नागरिक मारे गए थे। वहीं, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 18 मार्च से इज़रायल के फिर से हमले शुरू करने के बाद से अब तक कम से कम 3,340 और लोग मारे जा चुके हैं, जिससे युद्ध में कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 53,486 हो गई है।

यह संघर्ष न केवल इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद को और भड़काता जा रहा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ते मानवीय संकट को लेकर चिंता बढ़ा रहा है।

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