2000 के दशक की शुरुआत और मध्य में जब ऐश्वर्या राय, रानी मुखर्जी और करीना कपूर बॉलीवुड की नंबर वन अभिनेत्री बनने की दौड़ में थीं, उस समय एक और नाम लगातार चर्चा में बना रहता था – प्रीति जिंटा। भले ही वे उस दौर की सबसे अधिक कमाई करने वाली अभिनेत्री नहीं थीं, लेकिन उन्होंने खुद को हमेशा हिट फिल्मों और बड़े बैनर की चर्चित परियोजनाओं का हिस्सा बनाए रखा। वे अपनी पीढ़ी की सबसे प्रतिभाशाली और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थीं। लेकिन उनका सफर सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा—उन्होंने अंडरवर्ल्ड का सामना किया, और ऐसा ऑफर ठुकराया जो शायद ही कोई सोच सके: ₹600 करोड़ की संपत्ति।
जब प्रीति जिंटा ने ₹600 करोड़ की संपत्ति लेने से किया इनकार
फिल्म निर्माता और कमाल अमरोही के बेटे शानदार अमरोही, प्रीति जिंटा को अपनी बेटी जैसा मानते थे। 2011 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे अपनी 600 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने बच्चों को न देकर प्रीति को देंगे। लेकिन प्रीति ने इस प्रस्ताव को विनम्रता से ठुकरा दिया। इसके बाद अमरोही ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि वे प्रीति के इस व्यवहार से आहत हैं और अपनी वसीयत से उनका नाम हटा देंगे।
शानदार अमरोही ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात प्रीति से मैरियट होटल में हुई थी, जहाँ वह अपने उस समय के बॉयफ्रेंड नेस वाडिया के साथ थीं। उन्होंने प्रीति को बेटी जैसा महसूस किया और उन्हें कई तोहफ़े भी दिए। जब अमरोही पारिवारिक झगड़ों में उलझे हुए थे, तो प्रीति उनसे मिलने आईं और भावनात्मक सहारा दिया। हालांकि, बाद में जब अमरोही का निधन हुआ, तो प्रीति ने उनके बच्चों से 2 करोड़ रुपये के एक ऋण को लेकर कोर्ट में मामला भी दायर किया, जो उन्होंने उनके मेडिकल खर्चों के लिए दिया था।
जब प्रीति ने अंडरवर्ल्ड को दी सीधी चुनौती
2001 में, जब प्रीति केवल 26 वर्ष की थीं और अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं, तब निर्माता भरत शाह पर छोटा शकील गैंग के साथ संबंधों को लेकर केस चला। प्रीति जिस फिल्म चोरी चोरी चुपके चुपके में थीं, उसमें अंडरवर्ल्ड के पैसे के निवेश का मामला सामने आया। ज़्यादातर सितारों ने चुप्पी साध ली, लेकिन प्रीति एकमात्र स्टार थीं जिन्होंने खुलकर अदालत में गवाही दी कि उन्हें भी अंडरवर्ल्ड से धमकी भरे कॉल आए थे और उनसे 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी।
इसके बावजूद उन्होंने ना सिर्फ पैसे देने से इनकार किया, बल्कि किसी भी तरह की सुरक्षा लेने से भी मना कर दिया। तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें सशस्त्र सुरक्षा लेने की सलाह दी थी, पर प्रीति डटी रहीं। उनके साहस के लिए उन्हें गॉडफ्रे फिलिप्स राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रीति जिंटा का बॉलीवुड सफर
प्रीति ने 1997 में मणिरत्नम की फिल्म दिल से में सहायक भूमिका से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद क्या कहना और सोल्जर जैसी फिल्मों में उनकी मुख्य भूमिकाएं रहीं। जल्द ही वे दिल चाहता है, कोई मिल गया, कल हो ना हो, वीर-ज़ारा और कभी अलविदा ना कहना जैसी सुपरहिट फिल्मों में नज़र आईं।
लेकिन 2007 के बाद उनकी फ़िल्मों में उपस्थिति कम होती गई। उन्होंने दो अंग्रेज़ी फिल्मों – द लास्ट लीयर और हेवन ऑन अर्थ में काम किया और हीरोज़ और रब ने बना दी जोड़ी में कैमियो किया। उस समय उनकी उम्र केवल 32 वर्ष थी, और वे अभी भी इंडस्ट्री की शीर्ष अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं।
वापसी की कोशिश और आज का सफर
2013-14 में उन्होंने इश्क इन पेरिस और हैप्पी एंडिंग जैसी फिल्मों के ज़रिए वापसी की कोशिश की, लेकिन वे व्यावसायिक रूप से सफल नहीं रहीं। इसके बाद प्रीति ने फिल्मों से दूरी बना ली।
हालांकि, प्रीति जिंटा अब 2025 में फिल्म लाहौर 1947 के साथ बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। इसके अलावा, वे 2008 से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम पंजाब किंग्स (पहले किंग्स इलेवन पंजाब) की सह-मालिक भी हैं और अक्सर टीम के मैचों में दिखाई देती हैं।
प्रीति जिंटा ने न सिर्फ एक सशक्त अभिनेत्री के तौर पर अपनी पहचान बनाई, बल्कि एक साहसी महिला के रूप में भी, जिसने ना सिर्फ बॉलीवुड के भीतर की राजनीति और प्रतिस्पर्धा को मात दी, बल्कि अंडरवर्ल्ड जैसी ताक़तों के सामने भी झुकने से इनकार कर दिया।

