बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु ने प्रेग्नेंसी के बाद अपने शरीर में आए बदलाव और वजन बढ़ने को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस तरह की ट्रोलिंग या बॉडी शेमिंग उनकी पहचान या आत्मसम्मान को प्रभावित नहीं कर सकती। बिपाशा ने अपने बयान में समाज में महिलाओं को लेकर बनी अवास्तविक उम्मीदों की आलोचना करते हुए महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सराहना की जरूरत पर बल दिया।
यह प्रतिक्रिया उन्होंने पूर्व मिस इंडिया और ब्यूटी इन्फ्लुएंसर श्वेता विजय नायर की एक इंस्टाग्राम रील पर दी, जिसमें प्रसव के बाद महिलाओं पर डाले जाने वाले शारीरिक और मानसिक दबाव को उजागर किया गया था।
बिपाशा ने नायर की बातों से सहमति जताते हुए लिखा –
“आपके स्पष्ट शब्दों के लिए धन्यवाद। उम्मीद है कि इंसानियत इतनी सतही और तुच्छ नहीं रहेगी और महिलाओं को उनकी हर रोज निभाई जाने वाली कई भूमिकाओं के लिए सराहेगी। मैं एक आत्मविश्वासी महिला हूँ, जिसका एक समझदार, प्यार करने वाला साथी और परिवार है। मीम्स और ट्रोल्स ने कभी मुझे परिभाषित नहीं किया और न ही उन्होंने मुझे वो बनाया जो मैं हूँ। लेकिन ये समाज की महिलाओं के प्रति परेशान करने वाली सोच को जरूर उजागर करते हैं।”
46 वर्षीय अभिनेत्री ने आगे कहा –
“मेरी जगह कोई और महिला इस तरह की क्रूरता से बहुत आहत हो सकती है। अगर हमारी आवाजें मजबूत बनें और कम से कम महिलाएं एक-दूसरे की सराहना करें और एक-दूसरे को समझें, तो महिलाएं और भी ऊंचाइयों तक पहुंचेंगी। हम महिलाएं अजेय हैं।”
वीडियो में श्वेता नायर ने मातृत्व से जुड़ी भावनात्मक और शारीरिक चुनौतियों को दिखाया और बताया कि कैसे महिलाओं से कई जिम्मेदारियां निभाने की उम्मीद की जाती है, जबकि उनके शरीर में मामूली बदलाव को भी समाज आलोचना की नजर से देखता है।
बिपाशा बसु के पति और अभिनेता करण सिंह ग्रोवर ने भी इस वीडियो पर कमेंट करते हुए अपनी पत्नी और सभी महिलाओं के लिए समर्थन जताया। उन्होंने लिखा –
“हमें उन सभी महिलाओं को एक ऊँचे आसन पर बैठाकर उनकी पूजा करनी चाहिए जिन्हें हम जानते हैं और उनसे प्रेम करते हैं। वे ही असली देवता/देवी हैं। मेरा मानना है कि ईश्वर या ब्रह्मांडीय शक्ति स्त्री ऊर्जा है। जीवन जैसा खूबसूरत कुछ भी नहीं। आप हमें जीवन देती हैं। आप हमारी देवी हैं।”
बता दें कि बिपाशा और करण ने 12 नवंबर 2022 को अपनी बेटी देवी का स्वागत किया था। दोनों ने साल 2016 में शादी की थी और अब वे अपनी बच्ची की देखभाल में पूरी तरह समर्पित हैं। बिपाशा का यह साहसी और प्रेरणादायक रुख उन सभी महिलाओं के लिए एक सशक्त संदेश है जो मातृत्व के बाद समाज के दवाब का सामना करती हैं।