Wednesday, June 18, 2025

बड़े ऑर्डर रद्द होने की आशंका से ओलेक्ट्रा के शेयरों में 12% की गिरावट

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्रवर्तित ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार सुबह जोरदार गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट उस वक्त आई जब महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप बाबूराव सरनाईक ने ओलेक्ट्रा को दिए गए एक बड़े इलेक्ट्रिक बस टेंडर को रद्द करने की मांग की। मंत्री ने इसका कारण कंपनी द्वारा डिलीवरी की तय समयसीमा को पूरा न कर पाना बताया।

BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर कंपनी के शेयर 12.29 प्रतिशत गिरकर 1,180 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गए। हालांकि बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 1,257.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था, जो अभी भी 6.56 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।

जुलाई 2023 में ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक ने जानकारी दी थी कि उसे और उसकी साझेदार कंपनी ईवी ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड (EVEY) को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) से एक बड़ा टेंडर मिला है। इस टेंडर में 5,150 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति, संचालन और रखरखाव शामिल था, जिसे ग्रोस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल के तहत निष्पादित किया जाना था। इसके साथ ही संबंधित विद्युत और नागरिक बुनियादी ढांचे की आपूर्ति भी अनुबंध का हिस्सा थी। इन बसों की डिलीवरी 24 महीनों में की जानी थी।

इस अनुबंध का अनुमानित मूल्य लगभग 10,000 करोड़ रुपये था। इसके तहत ओलेक्ट्रा को बसों की डिलीवरी के साथ-साथ पूरे अनुबंध की अवधि तक उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी दी गई थी। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस ऑर्डर को वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा ई-बस अनुबंध बताया था। 31 मार्च, 2024 तक ओलेक्ट्रा की ऑर्डर बुक में कुल 10,969 इलेक्ट्रिक बसें दर्ज थीं, जिसमें और वृद्धि की उम्मीद जताई गई थी।

सोमवार को कंपनी के शेयर 4.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,348.10 रुपये पर बंद हुए थे। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों में कंपनी ने 2,252.71 प्रतिशत का चौंका देने वाला रिटर्न दिया है। हालांकि, बीते एक साल में कंपनी के शेयरों ने करीब 25 प्रतिशत का नुकसान झेला है।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एसटी कॉरपोरेशन मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि ओलेक्ट्रा 5,150 लीज्ड इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति में निष्क्रिय रही है। इसके चलते अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कंपनी और एसटी कॉरपोरेशन के बीच हुए टेंडर अनुबंध को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी कि ओलेक्ट्रा को 1,000 बसें देने के लिए 22 मई की संशोधित डेडलाइन दी गई थी, लेकिन कंपनी एक भी बस की आपूर्ति नहीं कर सकी। इस स्थिति ने कंपनी की डिलीवरी क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे सरकार को यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।

यह घटनाक्रम न केवल ओलेक्ट्रा के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि भारतीय ई-बस उद्योग के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।

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