Tuesday, May 27, 2025

फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर पहलगाम हमले के बाद मचा बवाल, फवाद खान की मौजूदगी पर भड़के लोग

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान और अभिनेत्री वाणी कपूर की आने वाली फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे देशभर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर फिल्म के खिलाफ बहिष्कार की मांग ज़ोर पकड़ रही है।

आरती एस. बागड़ी द्वारा निर्देशित यह फिल्म 9 मई को रिलीज़ होने जा रही है। यह एक सीमा पार की प्रेम कहानी है, जिसकी घोषणा के समय से ही यह विवादों में घिरी हुई है। मुख्य कारण है—पाकिस्तानी नागरिक फवाद खान को फिल्म में कास्ट करना, खासकर तब जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं।

हमले के बाद सोशल मीडिया पर लोग फिल्म के निर्माताओं और बॉलीवुड पर सवाल उठा रहे हैं। एक x (पहले ट्विटर) यूज़र ने लिखा, “जब हमारे जवान सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं और निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, तब भी पाकिस्तानी कलाकारों का भारतीय फिल्मों में स्वागत क्यों किया जा रहा है?”

एक अन्य उपयोगकर्ता ने तीखा सवाल पूछा, “क्या हम अब भी अबीर गुलाल जैसी फिल्मों को बनाने की अनुमति देंगे?” लोगों का मानना है कि यह फिल्म आतंकवाद और देश की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील समय में गलत संदेश देती है।

यह विवाद 2016 की घटना की भी याद दिला रहा है, जब करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में भी फवाद खान की मौजूदगी पर भारी विरोध हुआ था। उस फिल्म के खिलाफ उरी हमले (18 सितंबर 2016) के बाद प्रदर्शन हुए थे और इसके बाद भारतीय सिनेमा में पाकिस्तानी कलाकारों पर एक अनौपचारिक प्रतिबंध भी लगा दिया गया था।

एक यूज़र ने लिखा, “पिछली बार ऐ दिल है मुश्किल थी… अब फिर वही कहानी दोहराई जा रही है।”

इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी महाराष्ट्र में फिल्म की रिलीज़ को लेकर कड़ा विरोध जताया था। उन्होंने निर्माताओं से स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा।

निर्माताओं का फैसला
इन तमाम विरोधों और विवादों के बावजूद, ‘अबीर गुलाल’ के निर्माताओं ने फिल्म को तय तारीख 9 मई को ही रिलीज़ करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि फिल्म का उद्देश्य प्रेम की भावना को दिखाना है, राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

हालांकि, जनता का गुस्सा और मौजूदा हालात इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि फिल्म की रिलीज़ आसान नहीं होगी। अब देखना यह है कि निर्माताओं का फैसला टिकता है या विरोध के दबाव में कोई बदलाव किया जाता है।

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