प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 14 जून को पोप फ्रांसिस से मिलेंगे। यह मुलाकात जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान होगी, जिसकी पुष्टि वेटिकन ने गुरुवार को की। इससे पहले मोदी और पोप की मुलाकात अक्टूबर 2021 में वेटिकन में हुई थी। यह दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री और पोप के बीच पहली मुलाकात थी।
प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली जाएंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी। शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी जी-7 समूह के अन्य नेताओं से भी मिलेंगे।
पोप फ्रांसिस, जिन्होंने जनवरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों के बारे में चेतावनी दी थी, 14 जून को नई तकनीक पर नेताओं की वार्ता में भाग लेंगे। वे जी7 चर्चाओं में भाग लेने वाले पहले पोप होंगे। वेटिकन ने बताया कि पोप फ्रांसिस जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका, यूक्रेन और फ्रांस के नेताओं से भी मिलेंगे।
पोप यूक्रेन के वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों, भारत के नरेंद्र मोदी, ब्राजील के लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा, कनाडा के जस्टिन ट्रूडो, तुर्की के रेसेप तय्यिप एर्दोगान, केन्या के विलियम रुटो, अल्जीरिया के अब्देलमजीद तेब्बौने और आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से भी मिलेंगे।
जी7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है। इस वर्ष यह शिखर सम्मेलन 13 और 14 जून के बीच अपुलिया क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारत को आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह भारत की 11वीं और प्रधानमंत्री मोदी की लगातार पांचवीं जी7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी होगी।