जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए नृशंस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। इस वीभत्स घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया देने की दिशा में गंभीर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी संदर्भ में आज सरकार की दो सबसे शक्तिशाली कैबिनेट समितियों की बैठकें आयोजित की गईं।
यहाँ इस बड़ी खबर की 10 अहम बातें:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) ने आज दूसरी बार बैठक की। इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बाद की रणनीति पर चर्चा की गई।
- पहली बैठक में CCS ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए कई सख्त फैसले लिए थे, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल था।
- CCS की बैठक के बाद कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (CCPA) की बैठक शुरू हुई। इसमें विपक्ष की उस मांग पर चर्चा हुई जिसमें संसद का विशेष सत्र बुलाकर आतंकवाद पर सामूहिक संकल्प पारित करने की बात कही गई थी।
- दोनों समितियों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक और बैठक की और उन्हें अब तक की चर्चाओं की जानकारी दी।
- विपक्षी नेताओं, जिनमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल हैं, ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख अपनाने के लिए संसद सत्र बुलाने की मांग की थी।
- CCS की 2 और 3 अप्रैल को हुई पहली बैठक में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई थी और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई गई थी। अधिकारियों ने समिति को बताया कि इस हमले के सीमा पार से जुड़े होने के पुख्ता संकेत मिले हैं।
- बैठक में यह भी कहा गया कि आतंकवादियों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में चल रही लोकतांत्रिक प्रक्रिया और आर्थिक प्रगति को रोकना था।
- इस हमले के विरोध में स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। उन्होंने इस घटना को क्षेत्र को बदनाम करने और पर्यटकों को डराकर आर्थिक गतिविधियों को बाधित करने की साजिश बताया।
- हैरानी की बात यह रही कि आतंकी हमले के बावजूद कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द नहीं की। वे अपनी छुट्टियों को लेकर आश्वस्त दिखे और उन्होंने सुरक्षा को लेकर कोई विशेष चिंता नहीं जताई।
- अहमदाबाद निवासी केवल पटेल ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “मैंने 22 तारीख की रात को आतंकी हमले के बारे में सुना… हमारी फ्लाइट 23 तारीख को सुबह 5.30 बजे थी। पहले तो हमारा पूरा परिवार डरा हुआ था, लेकिन हमारे चाचा ने हिम्मत दी और कहा, ‘चलो चलते हैं’। अब हम पहलगाम में हैं, और सब कुछ सुरक्षित लग रहा है।”
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा और निर्णायक जवाब देना भारत का संकल्प है। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता और तत्परता पर पूरा भरोसा जताया।
