परिसीमन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर जारी बहस के बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने एक असामान्य अपील की है। उन्होंने राज्य के लोगों से आग्रह किया कि वे “तुरंत” बच्चे पैदा करें, ताकि भविष्य में तमिलनाडु को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
स्टालिन ने कहा कि जनसंख्या आधारित परिसीमन से राज्य की संसदीय सीटों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत कारणों को छोड़कर इस मुद्दे को गंभीरता से लें और उनकी अपील पर विचार करें।
नवविवाहित जोड़ों को परिवार बढ़ाने की सलाह
मुख्यमंत्री स्टालिन नागाई जिले में पार्टी सचिव के विवाह समारोह में शामिल हुए थे। वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “पहले हम कहते थे कि समय निकालो और बच्चा पैदा करो। लेकिन अब स्थिति बदल गई है, और हमें यह अभी कहना चाहिए।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि तमिलनाडु में परिवार नियोजन कार्यक्रम बेहद सफल रहे हैं, लेकिन अब उनके परिणामों को लेकर नई चिंताएँ पैदा हो गई हैं। उन्होंने विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों से अपील की कि वे जल्द से जल्द अपने परिवार की योजना बनाएं, ताकि परिसीमन के कारण राज्य को लोकसभा सीटों की संभावित कटौती का सामना न करना पड़े।
परिसीमन: क्या है यह प्रक्रिया?
परिसीमन भारत की एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके तहत चुनावी क्षेत्रों को फिर से निर्धारित किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग समान जनसंख्या का प्रतिनिधित्व हो।
यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 और 170 के तहत संचालित होती है:
- अनुच्छेद 82: इसके तहत, प्रत्येक जनगणना के बाद संसद को परिसीमन अधिनियम बनाना होता है, जिससे लोकसभा सीटों की संख्या और सीमाएँ पुनर्निर्धारित की जाती हैं।
- अनुच्छेद 170: यह राज्यों की विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए दिशानिर्देश तय करता है।
परिसीमन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोकतांत्रिक प्रणाली में आनुपातिक प्रतिनिधित्व बना रहे। चूंकि जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का आवंटन किया जाता है, इसलिए अधिक जनसंख्या वाले राज्यों को कम जनसंख्या वाले राज्यों की तुलना में अधिक सीटें मिलती हैं।
“तमिलनाडु पर लटकती तलवार”
स्टालिन ने परिसीमन से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में 40 चुनाव आयोग-पंजीकृत राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। स्टालिन ने इस मुद्दे को “तमिलनाडु पर लटकती तलवार” करार दिया और सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर एकजुट हों।
उन्होंने कहा, “वे परिसीमन लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे तमिलनाडु में लोकसभा सीटों की संख्या कम हो जाएगी। मैंने इस पर चर्चा के लिए 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ डीएमके की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे तमिलनाडु का मामला है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और राज्य के अधिकारों के लिए एकजुट होने की अपील की।



 
