तरनतारन जिले के 50 वर्षीय किसान ने शंभू बॉर्डर पर जहरीला पदार्थ खाकर गुरुवार को अपनी जान दे दी। उसकी जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, तरनतारन के पहुविंड गांव के निवासी रेशम सिंह ने शंभू बॉर्डर पर कीटनाशक पी लिया। गंभीर हालत में उन्हें पहले राजपुरा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां से हालत बिगड़ने पर उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) मंच के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि रेशम सिंह ने किसानों के मुद्दों को हल करने में केंद्र सरकार की उदासीनता के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए यह कदम उठाया।
पंधेर ने कहा कि जब तक सरकार किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा नहीं देती और सभी बकाया कर्ज माफ नहीं करती, तब तक रेशम सिंह का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान का शव तब तक शवगृह में रखा जाएगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
पिछले घटनाक्रम और किसान आंदोलन की स्थिति
रेशम सिंह दूसरे किसान हैं जिन्होंने केंद्र सरकार से मोहभंग होने के बाद आत्महत्या की। इससे पहले, खन्ना के रतनहेड़ी गांव के 57 वर्षीय किसान रणजोध सिंह ने 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर कीटनाशक पी लिया था, जिसकी 18 दिसंबर को मौत हो गई।
पिछले साल 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक 34 किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें 22 वर्षीय शुभकरण सिंह भी शामिल हैं, जिनकी 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गुरुवार को खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान हादसे का शिकार हो गया। समाना के निवासी 40 वर्षीय गुरदयाल सिंह वॉटर हीटर से लगी आग में झुलस गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का आमरण अनशन
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने गुरुवार को अपने आमरण अनशन के 45वें दिन प्रदर्शनकारियों से आंदोलन जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनके पार्थिव शरीर को विरोध स्थल पर रखा जाए और कोई अन्य नेता अनशन जारी रखे।
दल्लेवाल की खराब स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए पांच डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। डॉक्टरों ने बताया कि 26 नवंबर से केवल पानी पी रहे दल्लेवाल ने अपनी कैंसर की दवा भी बंद कर दी है।
समर्थन और अपील
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव सांसद हरेंद्र मलिक ने बुधवार को दल्लेवाल से अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण दल्लेवाल बात नहीं कर सके।
इस घटनाक्रम ने किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। किसानों की बढ़ती दुर्दशा और सरकार से असहमति का यह घटनाक्रम गहरी चिंता का विषय बना हुआ है।