संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले कई किसान यूनियनें अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के लिए बुधवार को चंडीगढ़ की ओर कूच कर रही हैं।
इसको देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने शहर में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं और एहतियातन प्रवेश के सभी मुख्य रास्तों को सील कर दिया है। प्रशासन ने यात्रियों को कुछ मार्गों से बचने की सलाह दी है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उघराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उघराहां ने किसानों से अपील की है कि वे सड़कों, राजमार्गों और रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध न करें, क्योंकि इससे आम जनता को परेशानी हो सकती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर प्रशासन उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है, तो वे सड़क किनारे ही धरने पर बैठें।
इसके साथ ही उन्होंने सभी किसान संगठनों से चंडीगढ़ में “पक्का मोर्चा” में शामिल होने और जोरदार प्रदर्शन करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ने अभी तक किसानों को विरोध प्रदर्शन के लिए कोई स्थान आवंटित नहीं किया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, किसानों को चंडीगढ़ के प्रवेश बिंदुओं पर ही रोक दिया जाएगा ताकि वे शहर के भीतर प्रदर्शन न कर सकें।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब सरकार पर किसानों के विरोध के अधिकार को दबाने का आरोप लगाया है। एसकेएम की मांगों में कृषि नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ भूमिहीन मजदूरों और किसानों को भूमि वितरण जारी रखना और किसानों व मजदूरों की कर्ज माफी शामिल है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार और एसकेएम के बीच सोमवार को वार्ता विफल होने के कुछ घंटे बाद, पुलिस ने उघराहां सहित कई किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की।
किसान नेताओं के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री “बिना किसी उकसावे के” गुस्से में बैठक से बाहर चले गए, जिससे वार्ता बीच में ही टूट गई।
बैठक के बाद, एसकेएम के नेताओं ने घोषणा की कि वे चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर धरना देने के अपने निर्णय पर कायम रहेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।