Monday, November 17, 2025

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत का नोटिस

दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच और वर्षों पुराने एक कानूनी विवाद के संदर्भ में जारी किया गया है, जिसमें दोनों कांग्रेस नेताओं पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शुक्रवार को यह नोटिस जारी करते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर सुनवाई का अधिकार एक निष्पक्ष सुनवाई की आत्मा होता है। उन्होंने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 मई तय की है।

नेशनल हेराल्ड केस की जांच ED ने 2021 में औपचारिक रूप से शुरू की थी, लेकिन इसकी शुरुआत जून 2014 में हुई थी जब भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मजिस्ट्रेट अदालत में एक निजी आपराधिक शिकायत दायर की थी। इस शिकायत में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में आपराधिक साजिश और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

आरोपों के अनुसार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यंग इंडियन नामक एक गैर-लाभकारी संस्था बनाई, जिसमें दोनों की हिस्सेदारी लगभग 38-38 प्रतिशत बताई जाती है। इस संस्था के जरिए AJL और उसकी संपत्तियों का अप्रत्यक्ष अधिग्रहण किया गया। ED का दावा है कि कांग्रेस ने AJL को करीब 90 करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण दिया था, जिसे बाद में यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया। इस प्रक्रिया के माध्यम से यंग इंडियन को AJL और उसकी अचल संपत्तियों पर नियंत्रण मिल गया, जिनका कुल मूल्य 2,000 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है। इन संपत्तियों में दिल्ली, लखनऊ और मुंबई स्थित बहुमूल्य अचल संपत्तियां शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि इस पूरे तंत्र के माध्यम से गांधी परिवार और अन्य कांग्रेस नेताओं ने लगभग 988 करोड़ रुपये की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा किया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक बैठक के दौरान कहा, “आपने देखा होगा कि कैसे एक बड़ी साजिश के तहत कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नाम नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपपत्र में डाले गए हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी किसी भी प्रतिशोध की भावना के आगे झुकने वाली नहीं है।

कांग्रेस का कहना है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और इसका उद्देश्य केवल AJL को फिर से सक्रिय करना था, न कि लाभ कमाना या संपत्तियों पर कब्जा करना।

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