Saturday, June 7, 2025

निरीक्षण के बाद DGCA ने तुर्की एयरलाइंस को लगाई फटकार

भारत के विमानन नियामक नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने देश के चार प्रमुख हवाई अड्डों – दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु – पर तुर्की एयरलाइंस के संचालन की सुरक्षा जांच के दौरान कई गंभीर उल्लंघनों की पहचान की है। इसके चलते एयरलाइन को अंतर्राष्ट्रीय मानकों और भारतीय नियमों के पूर्ण अनुपालन का निर्देश दिया गया है।

यह निरीक्षण 29 मई से 2 जून के बीच किया गया, जिसे अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) की सिफारिशों के अनुरूप अंजाम दिया गया। रिपोर्ट में पाया गया कि तुर्की एयरलाइंस ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा विनियमों का उल्लंघन किया है।

सरकारी बयान में बताया गया कि “सुरक्षा को लेकर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए भविष्य में भी आवश्यकतानुसार अनुवर्ती निरीक्षण किए जाएंगे।” साथ ही DGCA ने एयरलाइन से कहा है कि वह निरीक्षण के निष्कर्षों पर ध्यान दे और ICAO मानकों, अनुशंसित प्रक्रियाओं और डीजीसीए के सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करे।

प्रमुख उल्लंघन:

  • विस्फोटकों से संबंधित कार्गो:
    निरीक्षण में यह पाया गया कि विस्फोटक सामग्री से जुड़ी एक कार्गो खेप के लिए न तो आवश्यक पूर्व अनुमति ली गई थी और न ही दस्तावेजों में इसकी उचित घोषणा की गई थी। यह एयर कार्गो सुरक्षा मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिससे गंभीर सुरक्षा जोखिम उत्पन्न होता है।
  • बेंगलुरु में ग्राउंड ऑपरेशंस:
    एक अन्य मामले में पाया गया कि बेंगलुरु हवाई अड्डे पर विमान को निर्देशित करने वाले मार्शलर के पास वैध प्राधिकरण और योग्यता कार्ड नहीं था, जबकि यह विमान की जमीनी सुरक्षा के लिए अनिवार्य होता है।
  • विमान रखरखाव में लापरवाही:
    एक उड़ान के आगमन के समय, स्वीकृत विमान रखरखाव अभियंता (AME) अनुपस्थित था और उसकी जगह एक तकनीशियन ने प्रक्रिया को संभाला। तुर्की एयरलाइंस के भारत में अधिकृत रखरखाव भागीदार ‘एयरवर्क्स’ को इस कार्य के लिए ज़िम्मेदार माना गया है।
  • ग्राउंड हैंडलिंग में अनुशासनहीनता:
    हैदराबाद और बेंगलुरु में तुर्की एयरलाइंस ग्लोब ग्राउंड इंडिया का उपयोग ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी (GHA) के रूप में कर रही थी, बिना किसी औपचारिक सेवा स्तर समझौते (SLA) के।
  • उपकरणों का अनौपचारिक उपयोग:
    सीढ़ी और ट्रॉली जैसे प्रमुख उपकरणों का उपयोग पहले सेवा प्रदाता सेलेबी से किसी स्पष्ट जवाबदेही या उचित हस्तांतरण के बिना किया जा रहा था, जिससे संचालन में और अधिक अनियमितताएं पैदा हुईं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और संवेदनशीलता

इन उल्लंघनों का पता ऐसे समय में चला है जब भारत और तुर्की के संबंधों में कूटनीतिक तनाव बना हुआ है। तुर्की की सरकार द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के लिए सार्वजनिक समर्थन जाहिर किए जाने के बाद भारत ने तुर्की की विमानन कंपनियों पर सख्त निगरानी शुरू कर दी है।

पिछले महीने भारत सरकार ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी, जिससे उसे दिल्ली, मुंबई सहित नौ हवाई अड्डों से बाहर कर दिया गया। इस कार्रवाई से तुर्की एयरलाइंस के ग्राउंड संचालन में व्यवधान उत्पन्न हुए, जिसका असर निरीक्षण में सामने आया।

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा 15 मई को जारी आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को देखते हुए यह मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।

भारत का संतुलित रुख

राजनयिक तनाव के बावजूद भारत ने तुर्की एयरलाइंस के यात्रियों के संचालन को पूरी तरह से रोकने के बजाय एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। हाल ही में इंडिगो को डैम्प-लीज व्यवस्था के तहत तुर्की एयरलाइंस के दो विमानों को संचालित करने के लिए तीन महीने का अंतिम विस्तार दिया गया है।

कानूनी आधार

यह निरीक्षण ICAO कन्वेंशन के अनुच्छेद 16 के तहत किया गया था, जो किसी सदस्य देश को विदेशी पंजीकृत विमानों के निरीक्षण का अधिकार देता है।

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत सुरक्षा और नियमों के पालन के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वह किसी भी देश की एयरलाइन क्यों न हो। वहीं, तुर्की एयरलाइंस की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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