भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के दो दिन के भीतर ही नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक राहत भरी खबर सामने आई है। भारतीय सेना ने सोमवार सुबह जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर और सीमा के अन्य इलाकों में बीती रात “काफी हद तक शांतिपूर्ण” रही। हाल के तनावपूर्ण दिनों के बाद यह पहली रात थी जिसमें कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
यह शांति ऐसे समय में आई है जब पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच भारी तनाव पैदा हो गया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद चार दिनों तक नियंत्रण रेखा और सीमा क्षेत्रों में भीषण गोलीबारी हुई थी।
शनिवार शाम को भारत और पाकिस्तान ने एक साझा निर्णय लिया कि वे संघर्ष विराम का पालन करेंगे और जमीन, हवा या समुद्र के रास्ते कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे। यह निर्णय शनिवार शाम 5 बजे से प्रभावी हुआ।
हालांकि, संघर्ष विराम के कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों—जैसे श्रीनगर और गुजरात—में ड्रोन गतिविधि देखी गई, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने रोकने का प्रयास किया।
इसके बाद रविवार देर रात भारत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है और भारतीय सशस्त्र बल इसका “उचित और पर्याप्त” जवाब दे रहे हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार रात करीब 11:20 बजे संवाददाताओं से कहा, “पिछले कुछ घंटों में भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बनी सहमति का कई बार उल्लंघन किया गया है। यह अत्यंत गंभीर मसला है और हम इसे पूरी गंभीरता से ले रहे हैं।”
उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह इन उल्लंघनों को गंभीरता से ले और स्थिति को जिम्मेदारी के साथ संभालने के लिए जरूरी कदम उठाए।
मिस्री ने आगे बताया कि भारतीय सशस्त्र बल स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसी भी प्रकार के उल्लंघन का कड़ा जवाब दें।
पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच में यह सामने आया था कि हमले की जड़ें सीमा पार जुड़ी हुई थीं। इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया और 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।