दिल्ली में प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार चौथे दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। आज सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 406 दर्ज किया गया। इसके साथ ही, शहर में घना कोहरा छाया हुआ है, जो प्रदूषण के साथ मिलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा है।
स्वास्थ्य पर असर
प्रदूषण और कोहरे के इस बढ़ते संकट के कारण सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ रही हैं। एम्स और प्रगति मैदान जैसे प्रमुख इलाकों में सुबह के समय ड्रोन फुटेज से यह स्पष्ट हो गया कि हवा में धुंध और प्रदूषण का प्रभाव कितना गंभीर है।
प्रगति मैदान में AQI 357 दर्ज किया गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। कालिंदी कुंज और इंडिया गेट जैसे इलाकों में AQI 414 से भी अधिक रहा, जो इन्हें ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है। कालिंदी कुंज में ऊंची इमारतें धुंध में लिपटी हुई दिखीं, और ओखला बैराज के पास यमुना नदी के कुछ हिस्से जहरीले झाग से ढके हुए नजर आए।
प्रदूषण रोकने के लिए GRAP-III के तहत कड़े कदम
दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण III को लागू किया है।
वाहन प्रतिबंध
- BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार पहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत ₹20,000 तक का जुर्माना भरना होगा।
- आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में BS-III मानक वाले मध्यम माल वाहनों और दिल्ली के बाहर पंजीकृत डीजल लाइट कमर्शियल वाहनों (LCV) के संचालन पर भी रोक लगाई गई है।
- इलेक्ट्रिक, CNG, और BS-VI डीजल इंजन द्वारा संचालित बसों को छोड़कर, अंतरराज्यीय बसों पर प्रतिबंध है।
अन्य उपाय
- प्रदूषण हॉटस्पॉट और ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव तेज किया गया है।
- विध्वंस, मिट्टी की खुदाई, और निर्माण अपशिष्ट के परिवहन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 106 अतिरिक्त शटल बसों की तैनाती की गई है, और मेट्रो यात्राओं में वृद्धि की गई है।
सरकारी दफ्तरों और स्कूलों के लिए विशेष व्यवस्था
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी दफ्तरों के लिए अलग-अलग समय की घोषणा की है ताकि ट्रैफिक की भीड़ और प्रदूषण को कम किया जा सके।
- केंद्र सरकार के दफ्तर: सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
- दिल्ली सरकार के दफ्तर: सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
- दिल्ली नगर निगम (MCD) के दफ्तर: सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस योजना को फरवरी 2025 तक लागू करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही, सोमवार से कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होगी।
निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध
सभी निजी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, सरकारी परियोजनाओं को आवश्यक मानते हुए जारी रखा गया है। इन उपायों को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन विभाग की 280 सदस्यीय टीम तैनात की गई है।
निष्कर्ष
दिल्ली में प्रदूषण संकट एक गंभीर समस्या बन गया है। सरकार और प्रदूषण नियंत्रण निकाय इसे नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, नागरिकों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी ताकि पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।