Tuesday, June 17, 2025

थोक मूल्य मुद्रास्फीति 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंची

मई महीने में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, ईंधन और आधारभूत धातुओं की कीमतों में आई तेज कमी के कारण दर्ज की गई। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इज़रायल-ईरान के बीच जारी संघर्ष और वैश्विक व्यापार में तनाव के चलते आने वाले महीनों में कच्चे तेल की कीमतों और समग्र मूल्य स्थिति पर असर पड़ सकता है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर मापी गई मुद्रास्फीति मई 2025 में घटकर 0.4 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में 0.9 प्रतिशत थी। यह लगातार छठा महीना है जब थोक मूल्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है।

सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल में जहां सब्जियों में 18.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं मई में यह संकुचन बढ़कर 21.6 प्रतिशत हो गया। मई के दौरान समग्र खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में भी 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई।

प्याज, टमाटर और आलू (TOP) के साथ-साथ मसाले, खाद्यान्न, अंडे, मांस और मछली जैसी वस्तुओं ने खाद्य मुद्रास्फीति को नीचे लाने में अहम भूमिका निभाई। सब्जियों का सूचकांक लगातार चौथे महीने गिरा है। आंकड़ों के अनुसार, मई में आलू की कीमतों में 29.4 प्रतिशत और प्याज की कीमतों में 14.4 प्रतिशत की कमी आई है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह जारी किए गए आंकड़ों में यह भी बताया गया था कि मई में खुदरा मुद्रास्फीति भी 75 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह संकेत है कि थोक और खुदरा दोनों ही स्तरों पर महंगाई में नरमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं को राहत मिल सकती है।

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