Wednesday, July 30, 2025

तिब्बत में 5.7 तीव्रता का भूकंप, उथली गहराई के कारण आफ्टरशॉक की आशंका

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, सोमवार की सुबह तिब्बत में 5.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 2:41 बजे आया।

NCS ने जानकारी दी कि यह भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया, जो सतह के काफ़ी करीब है। इस वजह से आफ्टरशॉक (भूकंप के बाद आने वाले छोटे झटकों) की संभावना बढ़ जाती है और ज़्यादा नुकसान की आशंका बनी रहती है।

एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:
“भूकंप की तीव्रता: 5.7, दिनांक: 12/05/2025, समय: 02:41:24 IST, अक्षांश: 29.02°N, देशांतर: 87.48°E, गहराई: 10 किमी, स्थान: तिब्बत।”

यह भूकंप 8 मई को आए 3.7 तीव्रता वाले एक हल्के भूकंप के कुछ दिन बाद आया है, जिसने पहले ही इस क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी थी।

विशेषज्ञों के अनुसार, तिब्बत जैसे इलाकों में सतह के करीब आने वाले उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि ये ज़मीन के पास ही ऊर्जा छोड़ते हैं। इससे ज़मीन का तेज़ कंपन होता है और संरचनाओं को ज्यादा नुकसान पहुँच सकता है।

तिब्बती पठार भौगोलिक रूप से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है, क्योंकि यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच लगातार टक्कर होती रहती है। यही कारण है कि यह क्षेत्र बार-बार भूकंप की चपेट में आता है और इसी भूगर्भीय हलचल से हिमालय का उत्थान भी होता है।

भूकंप विज्ञान और भूभौतिकी की विशेषज्ञ मैरिएन कार्प्लस ने अल जज़ीरा को बताया कि, “भूकंप और भूकंप-रोधी संरचनाओं को लेकर शिक्षा, साथ ही इमारतों के रेट्रोफिटिंग (मजबूतीकरण) और लचीले ढांचे के लिए वित्तीय सहायता लोगों और संपत्ति की रक्षा में बेहद मददगार हो सकती है।”

टेक्सास विश्वविद्यालय, एल पासो में भूवैज्ञानिक विज्ञान की प्रोफेसर कार्प्लस ने आगे कहा, “हम पृथ्वी प्रणाली की जटिलता के कारण भूकंप की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकते। लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधानों के ज़रिए हम तिब्बत में भूकंप के कारणों और उनके प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।”

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