Monday, February 24, 2025

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई में सिख गुरुद्वारे निशाने पर

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है, जिसके चलते अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) के कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी स्थित सिख गुरुद्वारों में जाकर उनकी उपस्थिति की जांच शुरू कर दी है। इस कदम से सिख समुदाय के संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन संगठनों का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां उनकी धार्मिक आस्था की पवित्रता के लिए खतरा हैं।

गुरुद्वारों पर अवैध अप्रवासियों की मौजूदगी का आरोप

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के कुछ गुरुद्वारों का उपयोग कथित रूप से सिख अलगाववादियों और बिना दस्तावेज वाले अवैध अप्रवासियों के लिए केंद्र के रूप में किया जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, DHS के कार्यवाहक सचिव बेंजामिन हफमैन ने एक निर्देश जारी किया। इस निर्देश में बिडेन प्रशासन द्वारा लागू दिशा-निर्देशों को रद्द कर दिया गया, जिनके तहत “संवेदनशील” क्षेत्रों, जैसे पूजा स्थलों (गुरुद्वारे और चर्च) के आस-पास कानून प्रवर्तन कार्रवाइयों पर प्रतिबंध था।

सिख समुदाय ने जताई गहरी चिंता

सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) ने इन दिशा-निर्देशों को रद्द किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। SALDEF, जो सिख अमेरिकन समुदाय में नेतृत्व और सामुदायिक विकास पर केंद्रित सबसे पुराना संगठन है, ने कहा कि यह बदलाव गंभीर रूप से चिंताजनक है।

SALDEF ने एक बयान में कहा, “नीति में यह बदलाव समुदाय की उन रिपोर्टों के साथ मेल खाता है, जिनमें कहा गया है कि निर्देश जारी होने के कुछ ही दिनों के भीतर DHS एजेंटों ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के गुरुद्वारों का दौरा किया।”

SALDEF की कार्यकारी निदेशक की प्रतिक्रिया

SALDEF की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा, “हम गृह सुरक्षा विभाग द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा खत्म करने और गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों को निशाना बनाने के फैसले से बहुत चिंतित हैं।”

गिल ने कहा, “गुरुद्वारे केवल पूजा स्थल नहीं हैं। ये सिखों और अन्य समुदायों के लिए सहायता, भोजन, और आध्यात्मिक शांति प्रदान करने वाले महत्वपूर्ण सामुदायिक केंद्र हैं। इन स्थानों को प्रवर्तन कार्रवाइयों का निशाना बनाना हमारे विश्वास की पवित्रता को खतरे में डालता है और अप्रवासी समुदायों के लिए डर का संदेश भेजता है।”

सिख गठबंधन की चेतावनी

सिख गठबंधन ने ट्रंप प्रशासन द्वारा “संवेदनशील क्षेत्रों” पर DHS नीति को रद्द करने के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि यह ICE एजेंटों को गुरुद्वारों पर निगरानी, जांच, गिरफ्तारी और छापे मारने का मौका देगा।

संगठन ने कहा, “यह विचार कि हमारे गुरुद्वारे सरकारी निगरानी के अधीन हो सकते हैं और सशस्त्र कानून प्रवर्तन अधिकारी बिना वारंट के वहां प्रवेश कर सकते हैं, सिख धर्म की परंपराओं के लिए अस्वीकार्य है। इससे सिख समुदाय की अपनी आस्था के अनुसार इकट्ठा होने और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता बाधित होगी।”

उन्होंने आगे कहा, “यह कदम हमें उन काले दौरों की याद दिलाता है जब सिखों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता में बाधा पहुंचाई गई थी, जिसके घातक परिणाम हुए थे। गुरुद्वारों को निशाना बनाना न केवल सिख समुदाय बल्कि पूरे अप्रवासी समुदाय के लिए चिंता का विषय है।

सिख समुदाय और उसके संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि पूजा स्थलों पर की जाने वाली यह कार्रवाई उनकी धार्मिक स्वतंत्रता, आस्था और सामुदायिक कार्यों के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से इस निर्णय को तुरंत रद्द करने और पूजा स्थलों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है।

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