इस मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, अमेरिका तांबे के आयात पर शुल्क लगाने का फैसला कई सप्ताह के भीतर ले सकता है, जो कि निर्धारित समय सीमा से महीनों पहले होगा। न्यूयॉर्क में तांबे की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी में वाणिज्य विभाग को संभावित तांबे के शुल्क की जांच करने और 270 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि इस मामले को जल्द ही हल किया जा सकता है। इस मामले पर चर्चा करने वाले लोगों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि निर्णय अपेक्षा से पहले आ सकता है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह जांच केवल औपचारिकता मात्र है क्योंकि ट्रम्प पहले ही कई बार संकेत दे चुके हैं कि वे तांबे के आयात पर शुल्क लगाने का इरादा रखते हैं।
प्रशासन इस प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है और संभावना है कि 270-दिन की समय-सीमा पूरी होने से पहले ही इस पर निर्णय आ जाएगा। इस प्रक्रिया से परिचित एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, फरवरी में व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा था कि जांच बहुत तेज़ी से आगे बढ़ेगी।
नवारो ने कहा, “आप देखेंगे कि हमारे नए वाणिज्य सचिव, हॉवर्ड लुटनिक, इस मामले को उस गति से निपटाएंगे जिसे मैं ‘ट्रम्प का समय’ कहता हूं। यानी जांच के परिणामों को जल्द से जल्द राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाएगा ताकि वे इस पर कार्रवाई कर सकें।”
ट्रम्प ने सभी तांबे के आयात पर 25% तक का शुल्क लगाने की धमकी दी है। यह एक ऐसा कदम होगा जो वैश्विक तांबा बाजार को हिला सकता है, क्योंकि यह धातु पाइप और बिजली के तारों सहित कई महत्वपूर्ण उद्योगों में इस्तेमाल की जाती है।
तांबे पर इतनी जल्दी शुल्क लगाना ट्रम्प के पहले कार्यकाल में स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए शुल्कों से अलग होगा। उन मामलों में जांच को पूरा होने में लगभग 10 महीने लगे थे।
न्यूयॉर्क में तांबे की कीमत 3.1% बढ़कर रिकॉर्ड 5.3740 डॉलर प्रति पाउंड हो गई, हालांकि बाद में यह घटकर 5.3005 डॉलर प्रति पाउंड पर आ गई। लंदन में तांबे की बेंचमार्क कीमत हल्की गिरावट के साथ 10,100 डॉलर प्रति टन हो गई। इससे न्यूयॉर्क और लंदन की कीमतों के बीच अंतर बढ़कर 1,600 डॉलर प्रति टन से अधिक हो गया।
कॉफको फ्यूचर्स कंपनी की विश्लेषक जू वानकिउ ने कहा, “न्यूयॉर्क में तांबे की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, ताकि संभावित 25% टैरिफ की लागत को शामिल किया जा सके।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि टैरिफ 25% से कम रहता है, तो कीमतों में तेज़ी से गिरावट आ सकती है।
न्यूयॉर्क और लंदन के बीच कीमतों में बढ़ते अंतर के कारण व्यापारियों और डीलरों के बीच अमेरिका में तांबे की आपूर्ति बढ़ाने की होड़ मच गई है। इस स्थिति के चलते अन्य देशों, विशेष रूप से चीन में तांबे की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने 5 मार्च को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने टैरिफ नीतियों का बचाव करते हुए कुछ अनिश्चितता पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि वे विदेशी एल्युमिनियम, स्टील, लकड़ी और तांबे पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं। हालांकि, यह संभवतः उनकी जुबान फिसलने का मामला था, क्योंकि उन्होंने कुछ सप्ताह पहले ही तांबे पर औपचारिक जांच शुरू की थी।
गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक. और सिटीग्रुप इंक. के विश्लेषकों ने ग्राहकों को लिखे एक नोट में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका साल के अंत तक तांबे के आयात पर 25% शुल्क लागू कर सकता है।
दुनिया की सबसे बड़ी कॉपर-ट्रेडिंग कंपनी, ट्रैफिगुरा ने कहा कि वर्तमान में तांबे की कीमतें 10,000 डॉलर से बढ़कर 12,000 डॉलर प्रति टन तक पहुंच सकती हैं।