Saturday, February 22, 2025

टेस्ला की भारत में एंट्री: कीमत, संभावनाएं और चुनौतियां

एलन मस्क की अगुवाई वाली टेस्ला जल्द ही भारत में अपनी कारें लॉन्च करने की योजना बना रही है। हालांकि, आयात शुल्क में 15-20 प्रतिशत की संभावित कटौती के बावजूद, टेस्ला की सबसे सस्ती कार की कीमत लगभग 35 से 40 लाख रुपये होने की संभावना है। यह जानकारी वैश्विक पूंजी बाजार कंपनी सीएलएसए की एक रिपोर्ट में दी गई है।

टेस्ला मॉडल 3 की अनुमानित कीमत

वर्तमान में, अमेरिका में टेस्ला की सबसे किफायती कार मॉडल 3 की फैक्ट्री कीमत लगभग 35,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 30.4 लाख रुपये) है। भारत में आयात शुल्क में 15-20 प्रतिशत की कमी, रोड टैक्स और बीमा जैसी अतिरिक्त लागतों के साथ, इसकी ऑन-रोड कीमत 40,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 35-40 लाख रुपये) होने की संभावना है।

रिपोर्ट के अनुसार, यदि टेस्ला मॉडल 3 को महिंद्रा XEV 9e, हुंडई ई-क्रेटा और मारुति सुजुकी ई-विटारा जैसे घरेलू ईवी मॉडल से 20-50 प्रतिशत अधिक कीमत पर बेचती है, तो भारतीय ईवी बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा।

भारतीय ईवी बाजार पर प्रभाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर टेस्ला 25 लाख रुपये से कम कीमत वाले एंट्री-लेवल मॉडल लॉन्च करती है, तो यह भारतीय बाजार में हिस्सेदारी बना सकती है। हालांकि, महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में हाल ही में आई गिरावट इस परिदृश्य को पहले ही प्रभावित कर रही है।

इसके बावजूद, रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि टेस्ला के भारत में प्रवेश से भारतीय वाहन निर्माताओं पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की पैठ चीन, यूरोप और अमेरिका की तुलना में काफी कम है।

भारत में लॉन्च और विनिर्माण योजना

टेस्ला दिल्ली और मुंबई में अपने मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी ने भारत में अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो इसके घरेलू बाजार में प्रवेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 18 फरवरी को, टेस्ला ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में “कंज़्यूमर इंगेजमेंट मैनेजर” पद के लिए भर्ती का विज्ञापन पोस्ट किया।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए टेस्ला को अपनी कारों को अधिक किफायती बनाना होगा। इसके लिए एक स्थानीय विनिर्माण संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा, भले ही आयात शुल्क में 20 प्रतिशत तक की कटौती हो।

भारतीय EV नीति के तहत संभावनाएं

भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति के अनुसार, टेस्ला को प्रति वर्ष 8,000 इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत आयात शुल्क का लाभ मिल सकता है, यदि वह भारत में 4,150 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करती है और स्थानीय निर्माण सुविधा स्थापित करती है।

भारतीय बाजार में कीमत संवेदनशीलता

रिपोर्ट में भारतीय मोटरसाइकिल बाजार का उदाहरण दिया गया है, जहां हार्ले-डेविडसन X440 की कीमत रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 से 20 प्रतिशत अधिक होने के कारण, इसकी बिक्री प्रति माह सिर्फ 1,500 यूनिट होती है, जबकि क्लासिक 350 की बिक्री 28,000 यूनिट प्रति माह होती है।

यह इंगित करता है कि भारतीय उपभोक्ता अत्यधिक कीमत-संवेदनशील हैं, और टेस्ला को प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के बिना बाजार में अपनी पकड़ बनाना मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष

टेस्ला का भारतीय बाजार में प्रवेश इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या कंपनी भारत में एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए पर्याप्त निवेश करती हैयदि स्थानीय उत्पादन शुरू नहीं किया जाता, तो आयात शुल्क में कटौती के बावजूद, टेस्ला की कारें भारतीय खरीदारों के एक बड़े वर्ग के लिए महंगी बनी रहेंगी

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