सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ने हाल के वर्षों में निवेश के एक सरल और प्रभावी तरीके के रूप में काफी लोकप्रियता हासिल की है। लोग इस माध्यम से नियमित निवेश के लिए उत्साहपूर्वक साइन अप कर रहे हैं। जुलाई 2023 से एसआईपी योगदान में लगातार बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन नवंबर 2023 में इसमें हल्का ठहराव आ गया।
नवंबर में एसआईपी प्रवाह में गिरावट
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2023 में एसआईपी योगदान 25,320 करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर के 25,322 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये कम था। यह गिरावट मामूली है, लेकिन जून 2023 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब प्रवाह में कमी दर्ज की गई है।
जून 2023 में एसआईपी प्रवाह में 14.23 करोड़ रुपये की कमी आई थी। इसके बाद अगले 16 महीनों तक इसमें लगातार वृद्धि दर्ज की गई। जुलाई 2024 में सबसे बड़ा उछाल देखा गया, जब एसआईपी योगदान पिछले महीने की तुलना में 2,060 करोड़ रुपये बढ़ा। मार्च 2024 में, वृद्धि सबसे कम 85 करोड़ रुपये पर रही, लेकिन फिर भी यह सकारात्मक थी।
ठहराव के संभावित कारण
इस मामूली गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में हाल के उतार-चढ़ाव और विदेशी संस्थागत निवेश में गिरावट ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है।
मनीफ्रंट के सह-संस्थापक मोहित गंग का विश्लेषण
मोहित गंग ने कहा, “मुझे लगता है कि इसका बाजार की धारणा से गहरा संबंध है। बाजार में सुधार और अस्थिरता के कारण लोगों ने अपने एसआईपी को एक-दो महीने के लिए रोकने का निर्णय लिया होगा। कई निवेशकों ने नए एसआईपी शुरू करने से परहेज किया होगा, जबकि पहले से चल रहे एसआईपी जारी रहे होंगे।”
दिनों की संख्या और एसआईपी का अंतर
इसके अलावा, प्लानरुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अमोल जोशी का मानना है कि 2 करोड़ रुपये का यह अंतर व्यावहारिक रूप से नगण्य है। उन्होंने कहा, “जब हम एसआईपी योगदान की बात करते हैं, तो 2 करोड़ रुपये एक राउंडिंग एरर के बराबर है। दैनिक एसआईपी जैसे विकल्पों के कारण महीने में दिनों की संख्या भी कुल योगदान को प्रभावित करती है। नवंबर में दिनों की कम संख्या ने इस छोटे अंतर को दर्शाया है।”
जोशी के अनुसार, एसआईपी प्रवाह में ठहराव का मतलब गिरावट नहीं है। यह केवल इस बात का संकेत है कि संख्या स्थिर बनी हुई है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामूली गिरावट अस्थायी है। बाजार की धारणा और निवेशकों का आत्मविश्वास फिर से बढ़ने पर एसआईपी प्रवाह में वृद्धि की उम्मीद है। एसआईपी, अपनी सुविधाजनक और अनुशासित निवेश पद्धति के कारण, निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना रहेगा।
इसलिए, निवेशकों को इस हल्की गिरावट से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। एसआईपी के जरिए दीर्घकालिक लाभ की संभावना अब भी बनी हुई है।