Sunday, October 26, 2025

चीन ने ट्रंप के शी जिनपिंग से फोन वार्ता के दावे को खारिज किया

बीजिंग ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर कोई बातचीत नहीं की है। साथ ही, चीन ने दोहराया कि फिलहाल दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध को सुलझाने के लिए कोई बातचीत नहीं चल रही है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जहां तक मेरी जानकारी है, हाल ही में दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई है।” उन्होंने आगे कहा, “मैं दोहराना चाहता हूं कि चीन और अमेरिका टैरिफ के मुद्दे पर किसी भी प्रकार की बातचीत या सलाह-मशविरा नहीं कर रहे हैं।”

यह बयान ट्रंप के उस दावे का सीधा खंडन करता है, जो उन्होंने पिछले सप्ताह टाइम पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में किया था। ट्रंप ने दावा किया था कि शी जिनपिंग ने उन्हें फोन किया था, जबकि वास्तविकता यह है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार शुल्कों को लेकर तनाव चरम पर है।

ट्रंप ने टाइम को दिए इंटरव्यू में कहा था, “उन्होंने (शी ने) मुझे फोन किया है। और मुझे नहीं लगता कि यह उनकी कमजोरी का संकेत है।” हालांकि ट्रंप ने इस कॉल के समय या बातचीत की कोई विशेष जानकारी नहीं दी, न ही जब शुक्रवार को CNN द्वारा पूछा गया तो उन्होंने विस्तार से कुछ बताया।

CNN की पत्रकार अलायना ट्रीन द्वारा सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने व्हाइट हाउस के साउथ लॉन से निकलते हुए कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन मैंने उनसे कई बार बात की है।”

सार्वजनिक रिकॉर्ड के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच आखिरी फोन वार्ता 17 जनवरी को हुई थी, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शपथ से कुछ दिन पहले की बात है।

हाल के दिनों में ट्रंप ने कई बार कहा है कि उनका प्रशासन व्यापार समझौते के लिए चीन के अधिकारियों से बात कर रहा है, लेकिन हर बार बीजिंग ने उनके इन बयानों का खंडन किया है।

शुक्रवार को, टाइम के साथ ट्रंप का इंटरव्यू प्रकाशित होने से कुछ घंटे पहले ही चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से आग्रह किया था कि वह व्यापार वार्ता को लेकर जनता को “गुमराह” न करे।

जहां ट्रंप ने व्यापार युद्ध को सुलझाने की अपनी इच्छा व्यक्त की है और कहा है कि अमेरिकी टैरिफ “काफी कम हो सकते हैं”, वहीं बीजिंग ने इस ओर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन की ओर से स्पष्ट मांग की गई है कि अमेरिका पहले सभी टैरिफ को पूरी तरह समाप्त करे।

ट्रंप प्रशासन ने अब तक चीनी वस्तुओं पर 145% तक का टैरिफ लगाया है, हालांकि कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद जैसे स्मार्टफोन और कंप्यूटर इन टैरिफों से छूटे हुए हैं।

वहीं चीन ने भी जवाबी कदम के तहत अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया है। हालांकि, बीजिंग ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले कुछ सेमीकंडक्टर्स पर चुपचाप शुल्कों में छूट दी है, ताकि चीन की तकनीकी उद्योग पर व्यापार युद्ध के प्रभाव को कम किया जा सके।

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