चीन ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह अमेरिका द्वारा प्रस्तावित व्यापार वार्ता की संभावनाओं का “मूल्यांकन” कर रहा है। यह एक ऐसा बयान है जो चीन की अब तक सख्त रही स्थिति में थोड़ी नरमी का संकेत देता है और यह संभावित वार्ता के लिए दरवाज़ा खोल सकता है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हाल ही में अमेरिका ने चीन के साथ बातचीत शुरू करने की उम्मीद में विभिन्न माध्यमों से कई संदेश भेजे हैं। चीन वर्तमान में इन प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रहा है।”
यह बयान अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के बीच आया है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध के चलते और गहरा गया है। अब तक बीजिंग की स्थिति काफी कठोर रही थी, लेकिन यह बयान थोड़ा नरम रुख दिखाता है।
ट्रंप ने पिछले सप्ताह बार-बार कहा कि उनका प्रशासन चीनी अधिकारियों के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहा है, लेकिन बीजिंग ने हर बार इन दावों को खारिज किया।
हालांकि शुक्रवार को चीन ने यह भी दोहराया कि किसी भी तरह की बातचीत शुरू करने से पहले कुछ शर्तों को पूरा करना आवश्यक होगा।
प्रवक्ता ने कहा, “टैरिफ और व्यापार युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने एकतरफा की थी। अगर अमेरिका वास्तव में बातचीत करना चाहता है, तो उसे ईमानदारी दिखानी होगी — जिसमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना और एकतरफा टैरिफ बढ़ोतरी को रद्द करने की इच्छा शामिल है।” उन्होंने आगे कहा, “चीन की स्थिति स्पष्ट है: यदि यह लड़ाई है, तो हम इसके लिए तैयार हैं। और यदि यह बातचीत है, तो हमारे दरवाजे खुले हैं।”
गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ के कारण चीनी अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है, नौकरियां गई हैं, और इस वजह से बीजिंग बातचीत करने को इच्छुक है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “चीन संपर्क कर रहा है, वे मिलना चाहते हैं, वे बातचीत करना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत “बहुत जल्द” हो सकती है।
इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिए थे, जिससे चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक प्रवाह पर खतरा मंडराने लगा। इससे कई चीनी कंपनियों के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया। इसके जवाब में बीजिंग ने भी अमेरिकी आयातों पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिए।
चीन की अर्थव्यवस्था पर असर
ट्रंप के टैरिफ पहले ही चीन की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल चुके हैं। फैक्ट्रियों के ऑर्डर कम हो गए हैं और उत्पादन में गिरावट आई है। चीन ने बुधवार को बताया कि अप्रैल में फैक्ट्री गतिविधियों में गिरावट आई है, जो पिछले 16 महीनों की सबसे तेज गिरावट है। इससे यह स्पष्ट होता है कि टैरिफ ने कितनी गंभीर क्षति पहुँचाई है।
हालाँकि अमेरिका के कुछ बड़े रिटेलर्स जैसे वॉलमार्ट और टारगेट ने चीनी आपूर्तिकर्ताओं के साथ व्यापार आंशिक रूप से फिर शुरू किया है, लेकिन कई कारखाने अभी भी बंद हैं और वैकल्पिक बाजारों, जैसे यूरोप, की ओर रुख कर रहे हैं।
आयात में गिरावट
नेशनल रिटेल फेडरेशन के अनुसार, 2025 की दूसरी छमाही में अमेरिका के कुल आयात में साल-दर-साल कम से कम 20% की गिरावट आने की उम्मीद है। चीन से आयात में यह गिरावट और भी अधिक होगी। जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि चीन से आयात में 75% से 80% तक की गिरावट आ सकती है।
बीजिंग की यह नई टिप्पणी अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच कई दिनों से चली आ रही इस बहस के बाद आई है कि क्या बातचीत वास्तव में हो रही है या नहीं। दोनों ही पक्ष यह दिखाना नहीं चाहते थे कि वे पहले झुक रहे हैं।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने भी अपने रुख में थोड़ी नरमी दिखाई और कहा कि चीनी वस्तुओं पर लगे अमेरिकी टैरिफ में “काफी कमी” लाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बातचीत होती है तो वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ “बहुत अच्छा” व्यवहार करेंगे।
हालांकि, बीजिंग ने ट्रंप की इस नरमी को तुरंत खारिज कर दिया और एक बार फिर साफ कर दिया कि बातचीत की शुरुआत से पहले अमेरिका को सभी टैरिफ हटाने होंगे। मंगलवार को, चीन के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कहा गया कि चीन अमेरिका के “धमकाने वाले” रवैये के आगे “घुटने नहीं टेकेगा।”