जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पिछले महीने 5.49 प्रतिशत थी। इस वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज़ी है, जिससे मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्धारित सहनीय स्तर से ऊपर पहुंच गई है।
अक्टूबर 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत थी और पिछले साल इसी महीने में 6.61 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दर में कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई को सरकार ने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य के आसपास बनी रहे, जिसमें 2 प्रतिशत का सहनीय अंतर हो।
खुदरा मुद्रास्फीति में यह वृद्धि सामान्य उपभोक्ताओं पर भार डाल सकती है, क्योंकि खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें उनके बजट पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।