वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में अपने हैंडबैग के चुनाव के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया। सोमवार को, उन्हें संसद में एक बैग के साथ देखा गया, जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ था। अगले दिन, उनके एक अन्य बैग पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों की निंदा करते हुए एक वाक्य अंकित था।
संसद में भाषण और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान
15 दिसंबर को संसद में अपने पहले भाषण के दौरान, प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं से संबंधित मुद्दों, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में हिंसा, और जाति जनगणना जैसे विषयों पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी मुखर रुख अपनाया।
फिलिस्तीन और बांग्लादेश पर प्रियंका गांधी वाड्रा का दृष्टिकोण
फिलिस्तीन के समर्थन में बैग ले जाने के उनके कदम की आलोचना भाजपा द्वारा की गई, जिसे “तुष्टिकरण” करार दिया गया। इस पर वाड्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह “विशिष्ट पितृसत्ता” है, जहां महिलाओं को बताया जाता है कि उन्हें क्या पहनना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं पितृसत्ता का समर्थन नहीं करती। मैं वही पहनूंगी जो मैं चाहती हूं।”
प्रियंका गांधी को फिलिस्तीनी प्रभारी के साथ बैठक में पारंपरिक फिलिस्तीनी ‘केफ़ियेह’ पहने हुए भी देखा गया। इससे पहले, उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी और गाजा में कथित “नरसंहार” की निंदा की थी।
बांग्लादेश के संदर्भ में, उन्होंने मंगलवार को एक बैग के साथ संसद में प्रवेश किया, जिस पर लिखा था – “बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हों।” उन्होंने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के मुद्दे को उठाने का आग्रह किया।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे कांग्रेस की “तुष्टिकरण राजनीति” बताया। उन्होंने कहा, “प्रियंका वाड्रा का यह कदम कांग्रेस की पुरानी नीति का हिस्सा है। यह ‘तुष्टिकरण का बैग’ उनकी हार का कारण बनेगा।”
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने प्रियंका पर “सांप्रदायिक सद्गुणों का संकेत” देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर चलना सांप्रदायिक दिखावा है। कांग्रेस अब नई मुस्लिम लीग बन चुकी है।”
कांग्रेस और फिलिस्तीन का संबंध
कांग्रेस ने फिलिस्तीन पर अपनी परंपरागत नीति को दोहराते हुए कहा कि वह बातचीत के माध्यम से दो-राज्य समाधान का समर्थन करती है। पार्टी ने इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के वैध अधिकारों की वकालत की है।
भारत की फिलिस्तीन नीति
भारत लंबे समय से फिलिस्तीन के प्रति समर्थन व्यक्त करता रहा है। भारत ने फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले पहले गैर-अरब देशों में से एक था।
भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है। हाल के महीनों में, भारत ने UNRWA और फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय को दवाइयों और अन्य सहायता भेजी।
गाजा में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में, भारत ने इजरायल-हमास संघर्ष में सभी प्रकार की हिंसा की निंदा की और संयम बरतने की अपील की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की नीति को दोहराते हुए कहा कि “भारत एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य के लिए प्रतिबद्ध है।”
निष्कर्ष
प्रियंका गांधी वाड्रा के बैग और उनके बयान अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी गंभीरता को दर्शाते हैं। हालांकि, उनके प्रतीकात्मक कदमों की आलोचना भी हो रही है, जो कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गई है।