गुजरात टाइटन्स (GT) और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के बीच हुए आईपीएल 2025 के मुकाबले में एक रन-आउट ने काफी चर्चा बटोरी। GT के सलामी बल्लेबाज़ शुभमन गिल और जोस बटलर ने दूसरे विकेट के लिए 62 रनों की मजबूत साझेदारी की और टीम को 13वें ओवर में 149 रन तक पहुंचा दिया। इसी दौरान एक रन आउट हुआ जिसने बहस को जन्म दिया — क्या गिल वास्तव में आउट थे या नहीं?
यह घटना लेग स्पिनर जीशान अंसारी की गेंद पर घटी। उन्होंने बटलर को एक गुगली डाली, जिसे बटलर ने लेग साइड की ओर स्क्वायर के पीछे फ्लिक किया। दोनों बल्लेबाज़ों ने तेजी से एक रन पूरा किया। हालांकि यह रन बहुत ही खतरनाक नहीं लग रहा था, फिर भी जैसे ही हर्षल पटेल ने शॉर्ट फाइन लेग से गेंद को फेंका, गिल को स्ट्राइकर एंड पर क्रीज़ तक पहुँचने के लिए लंबा डाइव लगाना पड़ा।
गेंद जैसे ही आई, विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन का दाहिना हाथ स्टंप्स के बेहद करीब था — लेकिन वह थ्रो की सीधी लाइन में नहीं था। अब सवाल ये उठा कि बेल्स किस वजह से गिरीं: क्या गेंद सीधे स्टंप से टकराई या क्लासेन के दस्तानों से?
टीवी अंपायर माइकल गॉफ ने निर्णय के लिए रिप्ले देखे। शुरुआत में ही रिप्ले यह स्पष्ट नहीं कर सके कि गेंद ने सीधे स्टंप्स को मारा या पहले दस्तानों से टकराई। गॉफ ने फिर से कहा कि गेंद के प्रक्षेपपथ (trajectory) को दिखाया जाए ताकि यह पता चल सके कि गेंद दस्तानों से टकराकर दिशा बदल रही थी या नहीं। रिप्ले में गेंद की दिशा बदलती हुई दिखी, लेकिन यह तय करना मुश्किल था कि यह विक्षेपण दस्तानों से हुआ या गेंद सीधे स्टंप्स से टकराई।
क्रिकेट विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा,
“मेरा कहना सरल है: अब सिर्फ स्टंप को हिट करना काफी नहीं है। हमें यह सिद्ध करना होता है कि बेल्स गेंद के स्टंप से टकराने के कारण ही गिरीं। हमने कई बार देखा है कि तेज़ गेंद स्टंप से टकराती है लेकिन बेल्स नहीं गिरतीं। ज़िंग बेल्स की तकनीक के कारण अब निर्णायक सबूत होना ज़रूरी है।”
उन्होंने आगे कहा,
“जब गेंद स्टंप्स से टकराई, उस वक्त ज़िंग लाइट्स जली नहीं। क्लासेन के दस्ताने बहुत ही पास थे। मुझे ऐसा लगा कि शायद उन्हीं के हाथों से बेल्स गिरीं। इसलिए, मेरे अनुसार इसमें ‘पर्याप्त संदेह’ था, और इस आधार पर बल्लेबाज को नॉट आउट दिया जाना चाहिए था।”
टीवी अंपायर ने हालांकि गिल को आउट करार दिया। गिल इस फैसले से साफ तौर पर नाखुश दिखे। वह डगआउट लौटते समय नाराज दिखे और मैच के बाद अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर बात करते नजर आए।
हालांकि इस विवादास्पद फैसले का गुजरात टाइटन्स की बल्लेबाज़ी पर कोई खास असर नहीं पड़ा। टीम ने 6 विकेट पर 224 रन बनाए और फिर SRH को 186 रन पर रोकते हुए मुकाबला जीत लिया। इस जीत के साथ GT आईपीएल 2025 की अंक तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गई।
लेकिन यह घटना एक बार फिर इस सवाल को खड़ा कर गई है — जब तकनीक इतनी उन्नत हो गई है, तो क्या हमें हर निर्णय में ‘निर्णायक साक्ष्य’ की ज़रूरत है? और अगर शक बना रहता है, तो क्या बल्लेबाज़ को फ़ायदा नहीं मिलना चाहिए?