Friday, June 28, 2024

कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में जीतेंद्र कुमार ने प्रभावशाली नियंत्रण के साथ अपना संतुलन बनाए रखा

कोटा फैक्ट्री के सीज़न 3 में बहुत सारी बातचीत और जटिल गणितीय समस्याएं हैं, लेकिन यह नेटफ्लिक्स की सीरीज़ हमारी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा देती है। पांच नए एपिसोड में कोटा के आईआईटी कोचिंग जगत में लड़के-लड़कियों के संघर्ष को दिखाया गया है। इस बार कहानी में तीखेपन का तड़का लगाया गया है, जो शो को और भी रोचक बनाता है।

इस सीज़न में कई नाटकीय घटनाएं हैं। शो अपने अंतिम चरण – आईआईटी-जेईई एडवांस परीक्षा की ओर बढ़ रहा है। बड़े होने का दूसरा पहलू भी है जिसमें उतार-चढ़ाव और कड़वे सबक शामिल हैं। कोटा फैक्ट्री एस3 ने अपनी कहानी में नई परतें जोड़ी हैं, जिससे यह और भी मजेदार हो गया है।

निर्देशक राघव सुब्बू और निर्माता अरुणाभ कुमार ने इस सीज़न में कुछ ऐसा पेश किया है जो व्यावहारिक, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक है। पांच नए एपिसोड में वैभव, मीना, उदय, वर्तिका, शिवांगी और मीनल के मन की गहराई को दिखाया गया है। कोचिंग हब में व्यक्तिगत निर्णयों और परीक्षा के दिन की उलझनों को दर्शाया गया है। हर एपिसोड में कोई न कोई महत्वपूर्ण घटना होती है।

एक लड़का आर्थिक तंगी का सामना करता है और ट्यूशन पढ़ाने लगता है। दूसरे लड़के की दुर्घटना होती है, जिससे उसकी आईआईटी की तैयारी प्रभावित होती है। तीसरा लड़का जेईई की डेट शीट आने पर गुस्सा करता है और परीक्षा के दिन गलत जगह पहुँच जाता है। कहानी में सीखना, भूलना और संकटों से निपटना दिखाया गया है।

पुनीत बत्रा और प्रवीण यादव की पटकथा के साथ निर्देशक प्रतीश मेहता ने कहानी का दायरा बढ़ाया है और कोचिंग कर्मियों की विचार प्रक्रियाओं को शामिल किया है। यह सीज़न आईआईटी और मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवारों की तैयारी के तनाव को दर्शाता है और जीतू भैया (जितेंद्र कुमार) और उनके सहयोगियों पर इसका प्रभाव दिखाता है।

शुरुआत में जीतू भैया मानसिक रूप से परेशान दिखते हैं। एक दुखद घटना के बाद वह कुछ समय के लिए शांत हो जाते हैं। जब वह वापस आते हैं, तो उनके छात्र खुश होते हैं। लेकिन जीतू और गणित शिक्षक गगन (राजेश कुमार) के बीच मतभेद होते हैं। जीतू भैया समझते हैं कि एक शिक्षक होने के साथ-साथ युवाओं के लिए एक भाई और मार्गदर्शक होना आसान नहीं है।

पूजा (तिलोत्तमा शोम) की कोचिंग स्टाफ में उपस्थिति लैंगिक प्रतिनिधित्व के लिए महत्वपूर्ण है। वह जीतू भैया की मदद करती हैं। कहानी में जीतू भैया की परेशानियाँ और कोटा में यांत्रिक शिक्षण की दुकानों की चिंता को दिखाया गया है। कोटा फ़ैक्टरी एस3 छात्रों की दोस्ती, प्रेम-संबंधों, दुर्घटनाओं और नई शुरुआत के बारे में है।

वैभव (मयूर मोरे), मीना (रंजन राज) और उदय (आलम खान) अपने व्यक्तिगत संकटों और रोमांटिक संबंधों से जूझते हैं। अभिनय एक बार फिर शानदार है। जीतेंद्र कुमार के जीतू भैया की भूमिका में गहराई है। तिलोत्तमा शोम का किरदार शो में सकारात्मक प्रभाव डालता है। मयूर मोरे का अभिनय बहुत प्रभावी है, और रंजन राज और आलम खान से उन्हें अच्छा समर्थन मिलता है।

कुल मिलाकर, कोटा फैक्ट्री सीज़न 3 एक मजेदार और ज्ञानवर्धक अनुभव है जिसने अपनी छाप नहीं खोई है।

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