Saturday, November 1, 2025

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह रिपोर्ट 13 फरवरी को संसद में पेश की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी को अपनी बैठक में विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकृति दी।

संसद के 2025 के बजट सत्र के पहले भाग में विपक्ष के हंगामे के बीच इस रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किया गया। विपक्ष के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित भी करना पड़ा।

विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि उनके असहमति नोटों को जेपीसी की रिपोर्ट से हटा दिया गया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह इस रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही, 10 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र के दूसरे भाग में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस विधेयक को संसद में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है।

जेपीसी की सिफारिशें और विपक्ष का विरोध

भाजपा नेता जगदंबिका पाल के नेतृत्व में गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने विपक्ष के विरोध के बावजूद कानून में कई संशोधनों की सिफारिश की थी। जनवरी में संसदीय समिति ने सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्षी सदस्यों द्वारा खंड-दर-खंड चर्चा में सुझाए गए सभी बदलावों को अस्वीकार कर दिया।

जेपीसी द्वारा पेश किए गए 44 संशोधनों में से 14 खंडों में बदलाव एनडीए के सदस्यों द्वारा सुझाए गए थे। इन सभी संशोधनों को समिति द्वारा मतदान के बाद मंजूरी दे दी गई।

वक्फ (संशोधन) विधेयक क्या है?

वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के शासन में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करते हैं।

इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
  • किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के लिए सरकारी अधिकारी द्वारा मध्यस्थता की जाएगी।

जेपीसी ने विचार-विमर्श के बाद 30 जनवरी को अपनी अंतिम रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी। इससे पहले, 29 जनवरी को इस रिपोर्ट को पैनल द्वारा अपनाया गया था।

सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्षी सांसदों के सुझाए गए बदलावों को खारिज कर दिया गया। पहले यह विधेयक नवंबर 2024 में शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाना था, लेकिन विस्तृत समीक्षा के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था।

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