Saturday, February 22, 2025

कांग्रेस ने भारतीयों को पनामा निर्वासित करने पर उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को अवैध अप्रवासियों के खिलाफ ट्रम्प प्रशासन की कार्रवाई के तहत अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों के पनामा निर्वासन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “हम मानते थे कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीय नागरिकों को सम्मानपूर्वक भारत भेजा जाएगा, लेकिन इस तरह के निर्वासन बेहद अमानवीय और अपमानजनक तरीके से किए गए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अब खबरें आ रही हैं कि अधिक भारतीय नागरिकों को पनामा भेजा गया है। आखिर हो क्या रहा है?” जयराम रमेश ने यह सवाल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए उठाया।

ट्रम्प प्रशासन अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लाखों अप्रवासियों को निर्वासित करने की नीति पर काम कर रहा है। कांग्रेस का यह बयान सरकार की उस प्रतिक्रिया के बाद आया है जिसमें कहा गया कि भारत, पनामा में फंसे भारतीय नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पनामा प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।

भारतीय दूतावास ने दी सफाई

पनामा स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और एक्स पर पोस्ट किया, “पनामा प्रशासन ने हमें सूचित किया है कि भारतीय नागरिकों का एक समूह अमेरिका से पनामा पहुंचा है। वे सभी एक होटल में सुरक्षित हैं, जहां उन्हें आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। हमारी टीम को उनसे मिलने की अनुमति मिल गई है और हम उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए पनामा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

अमेरिका ने पनामा को निर्वासितों का ‘ब्रिज’ देश बनाया

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह भारतीय नागरिक 299 निर्वासित प्रवासियों के बड़े समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें हाल ही में तीन उड़ानों के माध्यम से अमेरिका से पनामा भेजा गया।

पनामा के राष्ट्रपति जोसे राउल मुलिनो ने अमेरिका के अनुरोध पर सहमति दी थी कि पनामा इन निर्वासितों के लिए एक ‘ब्रिज’ देश की भूमिका निभाएगा।

पनामा के उप विदेश मंत्री रुइज़-हर्नांडेज़ ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन के विशेष अनुरोध पर पनामा ने निर्वासित प्रवासियों को अस्थायी रूप से स्वीकार करने का निर्णय लिया।

निर्वासित प्रवासियों की स्थिति

पनामा पहुंचने के बाद, ये निर्वासित अब अमेरिकी कानून के अधीन नहीं रहेंगे। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 299 निर्वासित प्रवासियों में से 171 लोग अपने देश लौटने के लिए सहमत हो चुके हैं।

हालांकि, 98 निर्वासितों ने स्वैच्छिक प्रत्यावर्तन से इनकार कर दिया, जिस कारण उन्हें पनामा के डेरियन प्रांत स्थित एक शिविर में भेज दिया गया है।

पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो के अनुसार, इन निर्वासितों में अफगानिस्तान, चीन, भारत, ईरान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, उज्बेकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों के नागरिक शामिल हैं।

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