4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक सरकार को आश्वस्त किया है कि इस घटना की चल रही न्यायिक जांच में पार्टी किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगी। वहीं, राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ 13 जून से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला शुरू करने की घोषणा की है।
नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य सरकार द्वारा भगदड़ के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी दी। बैठक में इस त्रासदी के साथ-साथ राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि नेतृत्व को घटना और उसके बाद सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा, “हम हर मानव जीवन के प्रति संवेदनशील हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। सरकार ने पहले ही एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। कांग्रेस पार्टी जांच प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन हम यह चाहते हैं कि यह जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो।”
उन्होंने आगे कहा, “हम इस मुद्दे की राजनीतिक बारीकियों में नहीं जाना चाहते, लेकिन पार्टी की स्पष्ट राय है कि जनहित सर्वोपरि है।”
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी पुष्टि की कि बैठक में मुख्य रूप से दो मुद्दों पर चर्चा हुई – राज्य में जाति जनगणना और भगदड़ की घटना। उन्होंने बताया कि सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, जिम्मेदार पुलिस और खुफिया अधिकारियों को निलंबित किया गया है और पूरे मामले की निष्पक्ष पूछताछ की जा रही है।
इसी बीच भाजपा ने इस घटना को लेकर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने 13 जून से विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला की घोषणा की, जिसकी शुरुआत बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक रैली से होगी और फिर मुख्यमंत्री के आवास तक मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद 16 जून को राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि यह त्रासदी कांग्रेस नेतृत्व की खराब योजना और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तथा उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही सत्ता की खींचतान का परिणाम है। उन्होंने दावा किया, “सीएम और डिप्टी सीएम दोनों आरसीबी की जीत से राजनीतिक लाभ उठाना चाहते थे, इसलिए दो अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना बनाई गई। एक कार्यक्रम विधान सौध में था, जबकि दूसरा स्टेडियम में आयोजित किया गया।”
उन्होंने शिवकुमार पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने आरसीबी की टीम का इस तरह स्वागत किया जैसे वह खुद विजेता हों। भाजपा नेता ने सरकार पर पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस उपायुक्त (विधान सौध सुरक्षा) के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी, लेकिन प्रचार की लालसा में यह अनदेखी की गई।
इस पूरी घटना ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां कांग्रेस सरकार ने निष्पक्ष जांच और जवाबदेही का भरोसा दिलाया है, वहीं भाजपा सरकार को जनता के बीच घेरने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा कर्नाटक की राजनीति में एक प्रमुख विवाद का विषय बना रह सकता है।