ओडिशा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां 2021 बैच के IAS अधिकारी धीमान चकमा को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। चकमा कालाहांडी जिले के धरमगढ़ में उप-कलेक्टर के पद पर तैनात हैं।
जानकारी के मुताबिक, धीमान चकमा ने एक व्यवसायी से उसकी क्रशर यूनिट को बंद करने की धमकी देकर 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उसने व्यवसायी से कहा था कि यदि वह मांगी गई रकम नहीं देगा, तो वह पर्यावरण मंजूरी सहित विभिन्न तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए उसकी यूनिट को सील करवा देगा। इसी दबाव में व्यवसायी ने 10 लाख रुपये की पहली किस्त रविवार शाम को देने पर सहमति जताई, लेकिन साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से संपर्क कर इसकी सूचना दे दी।
विजिलेंस अधिकारियों ने योजना बनाकर जाल बिछाया और रविवार देर रात लगभग 10 बजे धरमगढ़ स्थित सरकारी क्वार्टर में धीमान चकमा को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। उनके कब्जे से 200 और 500 रुपये के विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों के 26 बंडल बरामद किए गए, जिन्हें उन्होंने अपनी मेज की दराज में छिपाकर रखा था।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने उनके सरकारी निवास की व्यापक तलाशी ली, जिसमें 47 लाख रुपये की अतिरिक्त नकदी भी बरामद हुई। इस नकदी के स्रोत की जांच की जा रही है और मामला दर्ज कर लिया गया है।
एक विजिलेंस अधिकारी ने बताया, “चकमा पर्यावरण मंजूरी समेत अन्य तकनीकी आधारों पर व्यवसायी की क्रशर यूनिट को बंद करने की धमकी दे रहा था। जांच अभी जारी है और उससे पूछताछ की जा रही है।”
सूत्रों के अनुसार, धीमान चकमा मूल रूप से त्रिपुरा के निवासी हैं। UPSC परीक्षा पास करने से पहले वे मयूरभंज जिले में भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। IAS बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग धरमगढ़ के उप-कलेक्टर के रूप में हुई थी।
सोमवार को चकमा को अदालत में पेश किए जाने की संभावना है। इस घटना ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।