एलन मस्क ने OpenAI के खिलाफ अपने बहुचर्चित मुकदमे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, भले ही AI स्टार्टअप ने अपनी गैर-लाभकारी शाखा द्वारा नियंत्रण हटाने की पूर्व योजना को वापस ले लिया हो। मस्क के वकील मार्क टोबेरॉफ ने सोमवार को यह जानकारी दी। ओपनएआई की नई योजना के तहत, इसकी गैर-लाभकारी मूल संस्था अब भी लाभकारी व्यवसाय पर नियंत्रण बनाए रखेगी और प्रमुख शेयरधारक बनी रहेगी।
हालांकि, मस्क के कानूनी प्रतिनिधि इस नई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं। टोबेरॉफ ने एक बयान में कहा, “आज की घोषणा में कुछ भी इस तथ्य को नहीं बदलता कि OpenAI अब भी closed-source AI विकसित कर रहा है, जिससे सैम ऑल्टमैन, उनके निवेशक और माइक्रोसॉफ्ट लाभान्वित होंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ओपनएआई की घोषणा में कथित ‘गैर-लाभकारी नियंत्रण’ से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानबूझकर अस्पष्ट रखा गया है, विशेषकर लाभकारी इकाई में गैर-लाभकारी संस्था की स्वामित्व हिस्सेदारी में की गई भारी कटौती।
एलन मस्क, जो OpenAI के सह-संस्थापक रहे हैं और अब खुद एक प्रतिस्पर्धी AI कंपनी चला रहे हैं, अदालत में इस ट्रांजिशन का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि OpenAI अपने मूल मिशन से भटक गया है और अब यह एक लाभ कमाने वाली कंपनी के रूप में काम कर रहा है, जो उसके मूल गैर-लाभकारी उद्देश्य के विपरीत है।
इस मुकदमे के जरिए मस्क OpenAI की संरचना में किए जा रहे पुनर्गठन को चुनौती दे रहे हैं, और उनका इरादा है कि अदालत के माध्यम से इस बदलाव को रोका जाए। यह मामला अब लंबी कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है, जिसमें मार्च 2026 के लिए जूरी ट्रायल निर्धारित किया गया है।
इस विवाद के बीच OpenAI ने मस्क के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “एलन द्वारा अपने निराधार मुकदमे को जारी रखना केवल यह साबित करता है कि यह हमेशा हमें धीमा करने और रोकने का एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास था।”
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर केवल मस्क ही नहीं, बल्कि AI क्षेत्र की कई अन्य जानी-मानी हस्तियाँ और कंपनियाँ भी चिंता जता चुकी हैं। मेटा जैसी बड़ी टेक कंपनियों और AI के गॉडफादर कहे जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता ज्योफ्री हिंटन समेत कई विशेषज्ञों ने भी नियामकों से आग्रह किया है कि वे OpenAI के इस पुनर्गठन की समीक्षा करें और जरूरी कदम उठाएं।

