शनिवार की सुबह उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने कोहरे की चादर छाई रही। विश्व प्रसिद्ध ताजमहल भी कोहरे की सफेद चादर में लिपटा नजर आया।
नई दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी सुबह घना कोहरा देखा गया, जिससे लोगों को यातायात और दैनिक कार्यों में काफी परेशानी हुई। कानपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में भी कोहरे का प्रभाव बना रहा।
ठंड से परेशान लोग
कानपुर में ठंड से बचने के लिए बुजुर्गों का एक समूह अलाव के पास इकट्ठा हुआ। एक ऑटो चालक राज कुमार ने अपनी परेशानी जाहिर करते हुए कहा, “इस कड़ाके की ठंड में काम पर जाना मुश्किल हो गया है। कम से कम प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था होनी चाहिए।”
राज कुमार के सहयोगी सुनील कुमार गुप्ता ने भी प्रशासन की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “ठंड के कारण कई समस्याएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा। हमें असहाय महसूस होता है।”
कश्मीर में कड़ाके की ठंड
जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में स्थिति और भी गंभीर है। वहां “चिल्लई कलां” नाम की 40-दिवसीय कठोर सर्दियों की अवधि चल रही है। भोपाल से आए एक पर्यटक ने बताया, “हम पिछले 3-4 दिनों से कश्मीर में हैं। यहां बहुत ठंड है और तापमान -3 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है।” उन्होंने जमी हुई डल झील की ओर इशारा करते हुए इस सर्द मौसम की तीव्रता को साझा किया।
दिल्ली का हाल
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शनिवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोहरे के बावजूद किसी भी उड़ान के डायवर्जन या रद्द होने की खबर नहीं मिली। हालांकि, घने कोहरे के कारण कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
शीतलहर का व्यापक प्रभाव
उत्तर भारत के अलावा, ओडिशा के ढेंकनाल शहर में भी ठंड का असर देखा गया। वहां भी लोग अलाव के पास बैठकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तर भारत में जारी इस ठंड और कोहरे ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासनिक सुविधाओं की कमी के कारण कई लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।