Tuesday, June 17, 2025

ईरान डोनाल्ड ट्रंप को मारना चाहता है: इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बड़ा दावा

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक चौंकाने वाला दावा किया कि ईरान के इस्लामी शासन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए गंभीर खतरा मानते हुए उन्हें मारने की योजना बनाई थी। यह बयान उन्होंने अमेरिकी समाचार चैनल फॉक्स न्यूज को दिए एक विशेष साक्षात्कार में दिया।

“वे उन्हें मारना चाहते हैं। वे दुश्मन नंबर एक हैं,” नेतन्याहू ने कहा।

उन्होंने ट्रंप को एक निर्णायक और सख्त नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी ईरान के साथ कमजोर और लचर समझौते नहीं किए। ट्रंप प्रशासन के तहत, अमेरिका ने ईरान को यूरेनियम समृद्ध करने और परमाणु हथियार विकसित करने के लिए छूट नहीं दी, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए।

“उन्होंने नकली परमाणु समझौते को फाड़ दिया,” नेतन्याहू ने कहा। “उन्होंने ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी को खत्म कर दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि ईरान के पास न तो परमाणु हथियार हो सकते हैं और न ही यूरेनियम समृद्ध करने की छूट।”

नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज को यह भी बताया कि एक बार उनके निजी निवास की खिड़की पर मिसाइल दागी गई थी, जिससे यह साबित होता है कि वह स्वयं भी ईरानी शासन के निशाने पर हैं। उन्होंने कहा कि वे ट्रंप के प्रयासों में खुद को उनका “जूनियर पार्टनर” मानते हैं।

“हम अब परमाणु विनाश के एक आसन्न खतरे का सामना कर रहे हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि उनका देश अब एक दोहरे अस्तित्वगत संकट से गुजर रहा है:

  1. ईरान का घोषित उद्देश्य इजरायल को नष्ट करना और इसके लिए यूरेनियम को हथियारों में बदलना।
  2. ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को तेजी से बढ़ाना — प्रति वर्ष 3,600 मिसाइलें, जिनकी संख्या अगले तीन वर्षों में 10,000 तक पहुंच सकती है।

“हर मिसाइल का वजन एक टन है और ये मैक 6 की गति से हमारे शहरों की ओर आ रही हैं। और यदि समय रहते कुछ नहीं किया गया, तो अगले 26 वर्षों में यह संख्या 20,000 हो जाएगी,” नेतन्याहू ने कहा। “कोई भी देश इसे सहन नहीं कर सकता, खासकर इजरायल जैसे छोटे देश के लिए तो यह असंभव है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों का मकसद केवल अपनी सुरक्षा नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की रक्षा करना है। ईरान द्वारा इजरायली शहरों पर बड़े पैमाने पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले किए गए, जिनमें से कई को विफल कर दिया गया, लेकिन खतरा अब भी बरकरार है।

नेतन्याहू का मानना है कि इजरायल की आक्रामक कार्रवाइयों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को “काफी पीछे धकेल” दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान जैसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले शासन के साथ कोई भी बातचीत बेनतीजा है और इजरायल को आवश्यकतानुसार हर कदम उठाना होगा।

उन्होंने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नामक अभियान को “इतिहास के सबसे महान सैन्य अभियानों में से एक” करार दिया।

साक्षात्कार के अंत में, नेतन्याहू ने ईरानी जनता से अपील की, “आप पिछले 50 वर्षों से उसी इस्लामी शासन से पीड़ित हैं, जिसने इजरायल को मिटाने की कसम खाई है। यह शासन अब न सिर्फ इजरायल, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है।”

नेतन्याहू ने दोहराया कि जब तक यह खतरा बना रहेगा, इजरायल पीछे नहीं हटेगा।

Latest news
Related news