Thursday, July 10, 2025

ईरान-इजराइल युद्ध विराम की उम्मीद से रुपया 65 पैसे मजबूत होकर 86.13 पर पहुंचा

मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 65 पैसे मजबूत होकर 86.13 पर पहुंच गया। यह मजबूती मुख्य रूप से ईरान और इजराइल के बीच संभावित युद्ध विराम की उम्मीद, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, कमजोर अमेरिकी डॉलर और घरेलू शेयर बाजारों की मजबूती के कारण देखने को मिली।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजराइल के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख बना। हालांकि ईरान की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी बाजार ने इस बयान को सकारात्मक रूप में लिया है।

इस घटनाक्रम का सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ा। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 2.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे भारत जैसी आयातक अर्थव्यवस्थाओं को राहत मिली है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.07 पर खुला और उसके बाद 65 पैसे की मजबूती के साथ 86.13 पर पहुंच गया। इससे पहले सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 23 पैसे टूटकर 86.78 पर बंद हुआ था, जो पांच महीने का निचला स्तर था।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “ट्रंप ने रात में कहा कि इजराइल और ईरान के बीच युद्ध विराम हो गया है, जबकि ईरान ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। हालांकि, तेल की कीमतों के 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरने के बाद बाजार ने इस बयान को सकारात्मक रूप में लिया है। ट्रंप की घोषणा के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 86.00 के स्तर के करीब आ गया और आज 86.07 पर खुला। अब बाजार की नजर फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल की गवाही पर है, जो मंगलवार और बुधवार को सीनेट और हाउस के समक्ष ब्याज दरों में संभावित कटौती को लेकर संकेत दे सकते हैं।”

इस बीच, डॉलर इंडेक्स — जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को मापता है — 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.13 पर कारोबार कर रहा था।

घरेलू शेयर बाजारों ने भी मंगलवार को शानदार वापसी की। बीएसई सेंसेक्स 930.7 अंक की छलांग लगाकर 82,827.49 पर पहुंच गया, जबकि NSE निफ्टी 278.95 अंक की बढ़त के साथ 25,250.85 पर बंद हुआ।

हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सोमवार को 1,874.38 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जो निवेश धारणा पर थोड़ा दबाव बना सकता है।

कुल मिलाकर, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में संभावित कमी, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और सकारात्मक घरेलू संकेतों ने रुपये को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है।

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