तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को जानकारी दी कि इजराइली अधिकारियों ने वेस्ट बैंक में लापता हुए 10 भारतीय निर्माण श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें सुरक्षित इजराइल वापस ले आए हैं।
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “जबकि इस मामले की अभी भी जांच जारी है, दूतावास इजराइली अधिकारियों के संपर्क में है और श्रमिकों की सुरक्षा एवं भलाई सुनिश्चित करने का अनुरोध कर रहा है।”
इससे पहले, इजराइली मीडिया ने जनसंख्या और आव्रजन प्राधिकरण के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि “भारत के 10 विदेशी श्रमिकों को वेस्ट बैंक के एक गांव से रातोंरात बचाया गया, जहां उन्हें एक महीने से अधिक समय तक रखा गया था।”
टाइम्स ऑफ इजराइल ने प्राधिकरण के हवाले से बताया कि “फिलिस्तीनियों ने इन श्रमिकों को काम का वादा करके वेस्ट बैंक के अल-ज़ायम गांव में बुलाया था। इसके बाद, उनके पासपोर्ट ले लिए गए और उन पासपोर्ट का उपयोग कर इजराइल में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश की गई।”
रिपोर्ट के अनुसार, “निर्माण कार्य के लिए मूल रूप से इजराइल आए इन श्रमिकों को आईडीएफ (इजराइली रक्षा बल) और न्याय मंत्रालय के सहयोग से प्राधिकरण द्वारा रातभर चले एक अभियान में बचाया गया। उन्हें फिलहाल एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, जब तक कि उनकी रोजगार स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती। आईडीएफ ने उनके पासपोर्ट के अवैध उपयोग की पहचान की और बाद में उनके असली मालिकों को लौटा दिया।”
गौरतलब है कि पिछले साल भारत से लगभग 16,000 मजदूर इजराइल गए थे। यह इजराइल सरकार की उस नीति का हिस्सा था, जिसके तहत 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद हजारों फिलिस्तीनी निर्माण श्रमिकों को इजराइल में प्रवेश करने से रोका गया था, और उनकी जगह अन्य देशों से श्रमिक बुलाए गए थे।