Sunday, February 23, 2025

इजराइल के मंत्री ने सेना से कहा कि वे गाजा से फिलिस्तीनियों को निकालने की योजना बनाएं

इजराइल के रक्षा मंत्री ने अपनी सेना को निर्देश दिया है कि वे गाजा के उन सभी निवासियों को बाहर जाने की अनुमति दें, जो वहां से जाना चाहते हैं। यह कदम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव के अनुरूप बताया जा रहा है, जिसमें अमेरिका ने इस क्षेत्र पर इजराइल के कब्जे का समर्थन किया था और 2.1 मिलियन फिलिस्तीनियों को वहां से निकालकर अन्य स्थानों पर बसाने की योजना प्रस्तुत की थी।

इजराइली मंत्री इजराइल कैट्ज ने कहा कि गाजा के निवासियों को “आवागमन और प्रवास की स्वतंत्रता” मिलनी चाहिए और उन देशों को, जो हमास के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाई की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें अपने यहां शरण देने के लिए “बाध्य” होना चाहिए।

दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि गाजा के पुनर्निर्माण के दौरान विस्थापित लोगों का पुनर्वास अस्थायी होगा। हालांकि, डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे पहले इसे स्थायी विस्थापन बताया था।

फिलिस्तीनी नेताओं और अरब देशों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि जबरन विस्थापन अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा और यह अस्वीकार्य है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने चेतावनी दी है कि “किसी भी प्रकार के जातीय सफाए से बचने की आवश्यकता है” और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाजा भविष्य में बनने वाले फिलिस्तीनी राज्य का एक अभिन्न हिस्सा होगा।

बीबीसी के मध्य पूर्व संपादक जेरेमी बोवेन ने कहा कि ट्रम्प की गाजा को लेकर बनाई गई योजना शायद लागू न हो, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम जरूर होंगे।

गाजा में रह रहे फिलिस्तीनी नागरिकों ने भी इस योजना को खारिज कर दिया है और कहा है कि वे अपना घर नहीं छोड़ेंगे। कुछ नागरिकों ने आश्चर्य और अवज्ञा व्यक्त करते हुए कहा, “हम गाजा से बाहर नहीं जाएंगे!”

युद्ध और उसकी तबाही

इजराइली सेना ने 7 अक्टूबर 2023 को एक बड़े हमले के जवाब में हमास को नष्ट करने के लिए अपना सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के इस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था।

गाजा के हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से लेकर अब तक इस संघर्ष में गाजा में 47,550 से अधिक लोग मारे गए हैं और 111,600 से अधिक घायल हुए हैं।

गाजा की अधिकांश आबादी कई बार विस्थापित हो चुकी है। रिपोर्टों के अनुसार, गाजा की लगभग 70% इमारतें या तो पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं या उन्हें गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।

इसके अलावा, स्वास्थ्य सुविधाएं, जल आपूर्ति, सफाई और अन्य आवश्यक सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। लोगों को भोजन, ईंधन, दवाओं और आश्रय की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

भविष्य की अनिश्चितता

इस संघर्ष के चलते गाजा में मानव जीवन की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। ऐसे में यह देखना बाकी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट को हल करने के लिए क्या कदम उठाएगा और इजराइल की इस योजना पर वैश्विक प्रतिक्रिया कैसी होगी।

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