Monday, October 20, 2025

इजराइल और हिजबुल्लाह लंदन के लिए युद्ध विराम समझौते पर पहुंचे

इजराइल और लेबनान के हिजबुल्लाह के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में हुए युद्ध विराम समझौते पर सहमति बनी है। यह समझौता बुधवार (इजरायल समयानुसार) सुबह से प्रभावी हो गया है। हिजबुल्लाह के नेताओं ने भी इस समझौते को प्रारंभिक समर्थन देने के संकेत दिए हैं। यह समझौता दोनों पक्षों के लिए संघर्ष समाप्त करने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रस्तुत करता है।

युद्ध विराम समझौते की मुख्य बातें

  1. 60 दिनों का युद्ध विराम:
    समझौते के तहत 60 दिनों का युद्ध विराम होगा। इस दौरान इजरायली सेना अपने हिस्से में वापस जाएगी और हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान में अपनी सैन्य गतिविधियां बंद करेगा।
  2. संयुक्त राष्ट्र और लेबनानी सेना की तैनाती:
    लिटानी नदी के दक्षिणी क्षेत्र में हजारों लेबनानी सैनिक और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक तैनात किए जाएंगे।
  3. अंतरराष्ट्रीय निगरानी:
    अमेरिका की अध्यक्षता वाला एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूह दोनों पक्षों के समझौते के अनुपालन पर नजर रखेगा।
  4. इजराइल की चेतावनी:
    अगर हिजबुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है, तो इजराइल ने कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखा है। हालांकि, इस प्रावधान का लेबनानी अधिकारियों ने विरोध किया है।

संघर्ष का मानवीय संकट

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहे इस संघर्ष ने गंभीर मानवीय संकट पैदा किया है।

  • विस्थापन:
    1.2 मिलियन से अधिक लेबनानी और 50,000 इजरायली लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं।
  • मृत्यु और हानि:
    लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, इजराइल की भारी बमबारी में 3,700 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं। वहीं, इजराइली पक्ष में 130 से अधिक मौतें हुई हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस समझौते का स्वागत किया है।

  • बिडेन का बयान:
    उन्होंने इसे “अच्छी खबर” कहते हुए कहा, “मैंने इजराइल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बात की है, और मुझे खुशी है कि उनकी सरकारों ने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।”
  • स्टारमर का बयान:
    ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इसे “लंबे समय से लंबित कदम” कहा और गाजा में युद्धविराम और मानवीय सहायता पर प्रतिबंध हटाने की दिशा में प्रगति की आवश्यकता पर बल दिया।

हिजबुल्लाह का रुख

हिजबुल्लाह ने इस समझौते को अपनी शर्तों के आधार पर समर्थन देने का संकेत दिया है।

  • हिजबुल्लाह नेता का बयान:
    समूह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष महमूद कामाती ने कहा, “हम इस समझौते की समीक्षा करेंगे। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इजराइल अपने हमले फिर से शुरू न करे।”
    उन्होंने यह भी कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन लेबनान की संप्रभुता की कीमत पर नहीं।”

गाजा का संदर्भ

यह समझौता गाजा में जारी संघर्ष को सीधे तौर पर संबोधित नहीं करता।

  • गाजा में स्थिति:
    अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा दक्षिणी इजराइल पर किए गए हमले और इसके जवाब में शुरू हुए युद्ध में 1,200 लोग मारे गए थे।
  • हिजबुल्लाह की शर्त:
    हिजबुल्लाह ने कहा है कि इजराइल गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई बंद करेगा, तभी वह अपने हमले रोकेगा।

समझौते का महत्व और चुनौतियां

इस समझौते को क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे दोनों पक्षों के लिए आत्मसमर्पण के रूप में देख रहे हैं। अब यह देखना होगा कि दोनों पक्ष इस समझौते का पालन कितनी गंभीरता से करते हैं।

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