इजराइल और ईरान के बीच जारी तनाव और युद्ध की स्थिति के बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों, विशेषकर छात्रों, की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। तेहरान में रह रहे भारतीय छात्रों को अब 148 किलोमीटर दूर स्थित क़ोम (Qom) शहर में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। यह पहल भारत सरकार द्वारा दिए गए उस आश्वासन के अनुरूप है जिसमें कहा गया था कि ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को देश के भीतर ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।
ईरान में वर्तमान में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र मौजूद हैं, जिनमें से अधिकतर जम्मू और कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। भारत सरकार ने इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी अधिकारियों से विशेष निवेदन किया था, खासकर उन क्षेत्रों से जहां इजरायली हमलों की चपेट में आने की आशंका थी।
हालांकि ईरान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, लेकिन उसने यह स्पष्ट किया है कि सभी भूमि सीमाएं खुली हैं ताकि भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकाल सके। ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मौजूदा स्थिति और हवाई अड्डों के बंद होने की पृष्ठभूमि में, हम यह स्पष्ट करते हैं कि सभी भूमि सीमाएं पारगमन के लिए खुली हैं।”
ईरानी सरकार ने भारत से अनुरोध किया है कि वह देश छोड़ने वाले भारतीयों की सूची, पासपोर्ट नंबर, वाहन की जानकारी, यात्रा का समय और उस सीमा का नाम साझा करे जिससे वे बाहर निकलना चाहते हैं। यह जानकारी देने का मकसद आवश्यक सुरक्षा और यात्रा प्रबंध सुनिश्चित करना है।
इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क कर छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और जल्द कार्रवाई की अपील की।
कश्मीर से बड़ी संख्या में छात्र ईरान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें शहीद बहेश्टी विश्वविद्यालय और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस प्रमुख हैं। शहीद बहेश्टी विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के छात्र, 22 वर्षीय इम्तिसाल मोहिदीन, ने बताया कि अकेले उनके विश्वविद्यालय में ही 350 से अधिक भारतीय छात्र नामांकित हैं।
इम्तिसाल ने बताया, “शुक्रवार तड़के करीब 2:30 बजे जोरदार धमाकों की आवाज सुनकर हम डर गए और तत्काल बेसमेंट में शरण ली। तब से हम ठीक से सो भी नहीं पाए हैं।”
शुक्रवार को इजराइल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम से अचानक सैन्य हमला शुरू किया, जिसमें ईरानी सैन्य कमान के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाया गया और परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके जवाब में ईरान ने भी हवाई हमलों के जरिए करारा पलटवार किया। बीते चार दिनों में दोनों देशों के बीच सैकड़ों मिसाइलें दागी जा चुकी हैं।
इजराइल ने चेतावनी दी है कि वह अपने अभियान को और तेज करेगा, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में “नरक के द्वार खोलने” की धमकी दी है।
इस गंभीर स्थिति के बीच भारत सरकार सतर्कता बरतते हुए लगातार ईरान में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।