इंडसइंड बैंक की वित्तीय समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक ने 2,329 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जिससे गुरुवार को बैंक के शेयरों में 5.7% की भारी गिरावट आई और यह 725.80 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। यह घाटा उन अनुमानित नुकसानों से कहीं अधिक है जो 15 अप्रैल को सामने आई लेखा संबंधी विसंगति के बाद लगाए जा रहे थे। इस अवधि में बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट देखी गई है और इसके साथ ही कई वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि, शुरुआती गिरावट के बाद बैंक के शेयर में थोड़ी तेजी देखने को मिली और सुबह 9:40 बजे यह 0.98% की बढ़त के साथ 777.50 रुपये पर पहुंच गया।
लेखा गड़बड़ियों ने बढ़ाई मुश्किलें
बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 3,048 करोड़ रुपये की शुद्ध ब्याज आय (Net Interest Income – NII) दर्ज की, जो पिछले साल की समान तिमाही में दर्ज 5,376 करोड़ रुपये से 43% कम है। इसके अलावा, बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (Net Interest Margin – NIM) भी गिरकर 2.25% रह गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 4.26% था। तिमाही आधार पर भी इसमें 168 आधार अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा, “बैंक ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही/वर्ष के लिए वित्तीय परिणामों को अंतिम रूप देते समय सभी लेखा विसंगतियों को सही रूप से शामिल किया और उनका प्रभाव दर्शाया है।”
CEO ने दिया इस्तीफा, निवेशकों की चिंता बढ़ी
लेखा विसंगति सामने आने के बाद बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कठपालिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ब्रोकरेज फर्म एलारा सिक्योरिटीज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेतृत्व में अनिश्चितता और बैंक के प्रति ग्राहकों के भरोसे पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई। CEO के इस्तीफे के बाद भी ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक पर अपनी ‘सेल’ कॉल को बनाए रखा है।
तीसरी तिमाही में भी कमजोर प्रदर्शन
इंडसइंड बैंक की वित्तीय चुनौतियाँ केवल चौथी तिमाही तक सीमित नहीं हैं। Q3FY25 में भी बैंक का प्रदर्शन कमजोर रहा था। उस तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 39% घटकर 1,402 करोड़ रुपये रह गया था, जबकि Q3FY24 में यह 2,301 करोड़ रुपये था। वहीं, शुद्ध ब्याज आय Q3FY24 के 5,295.6 करोड़ रुपये से घटकर 5,228 करोड़ रुपये रह गई। बैंक का NIM भी गिरकर 3.93% पर आ गया, जो पिछली तिमाही में 4.29% था। इस दौरान प्रावधानों में भी भारी इजाफा हुआ और यह 969.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,743.6 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
शेयर बाजार में खराब प्रदर्शन
इंडसइंड बैंक के शेयरों का प्रदर्शन बीते कुछ महीनों से लगातार गिरावट वाला रहा है। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में इसमें 0.96% की गिरावट आई है, जबकि एक महीने में शेयर 2.6% गिर चुका है। छह महीनों में बैंक के शेयरों ने निवेशकों की संपत्ति में करीब 23% की गिरावट की है। पिछले एक साल में यह आंकड़ा 45% से अधिक रहा है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इंडसइंड बैंक फिलहाल एक कठिन दौर से गुजर रहा है। लेखा विसंगतियों, वरिष्ठ प्रबंधन के इस्तीफों और लगातार गिरती वित्तीय स्थिति ने बैंक के प्रति निवेशकों और बाजार के विश्वास को कमजोर किया है। यदि बैंक शीघ्र ही पारदर्शिता बहाल करने और नेतृत्व की स्थिरता सुनिश्चित करने में सफल नहीं होता, तो इसके दीर्घकालिक परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं।