बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान ने हमेशा अपने अभिनय और काम के प्रति समर्पण से दर्शकों का दिल जीता है। लेकिन हाल के वर्षों में उन्होंने अपने निजी जीवन, भावनात्मक संघर्षों और बीती गलतियों पर भी खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। हाल ही में पॉडकास्टर राज शमनी के साथ एक बातचीत में आमिर ने अपने और पूर्व पत्नी किरण राव के रिश्ते में आए उतार-चढ़ाव और उनसे जुड़े भावनात्मक अनुभवों को लेकर ईमानदारी से बात की।
‘काम के प्रति जुनून मेरे रिश्तों के लिए खतरे की घंटी बना’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी किसी रिश्ते में खतरे का संकेत देखा या महसूस किया, तो आमिर ने बिना हिचकिचाहट स्वीकार किया कि उनका “काम के प्रति अत्यधिक जुनून” एक बड़ी गलती थी। उन्होंने बताया कि अपने करियर की शुरुआत में वे पूरी तरह से काम में डूबे रहते थे और इस दौरान वे भावनात्मक रूप से परिपक्व नहीं थे।
आमिर ने बताया कि जब भी उन्हें भावनात्मक चोट लगती थी, वे खुद को पूरी तरह से दुनिया से अलग कर लेते थे। “ऐसे वक्त पर जैसे मेरे चारों ओर एक शटर गिर जाता था। मैं खुद को बंद कर लेता था और किसी से बात तक नहीं करता था,” उन्होंने कहा।
‘किरण से बात करना बंद कर दिया था’
आमिर ने अपनी और किरण राव की एक पुरानी लड़ाई को याद करते हुए बताया कि यह एक साधारण वैवाहिक बहस थी, लेकिन इसका असर उन पर बहुत गहरा पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें आज याद नहीं कि बहस किस बात पर थी, लेकिन उस समय वे इतने आहत हुए कि उन्होंने किरण से बात करना ही बंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि वे दोनों एक ही घर, एक ही कमरे और यहां तक कि एक ही बिस्तर पर थे, लेकिन फिर भी उन्होंने किरण से बात नहीं की। वे केवल छोटे और रूखे जवाब देते थे। यह उनका अपनी नाराजगी और दुख जाहिर करने का अप्रत्यक्ष तरीका था।
‘वह रो पड़ी, और मैंने महसूस किया मैं क्या कर रहा हूं’
आमिर ने बताया कि चार दिन बीत चुके थे जब किरण ने एक रात उनसे बातचीत की कोशिश की। लेकिन वह अभी भी चुप थे। तभी किरण अचानक फूट-फूटकर रो पड़ीं और बोलीं, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं, आप तो बिलकुल जवाब ही नहीं दे रहे हो।”
उस पल ने आमिर को अंदर से झकझोर दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि वह भावनात्मक रूप से बहुत आहत थे, लेकिन उनका अहंकार उन्हें बात करने और चीजें सुलझाने से रोक रहा था।
‘अहंकार की वजह से नहीं बढ़ा पाया पहला कदम’
आमिर ने यह भी माना कि स्थिति को संभालने के लिए उन्हें पहला कदम उठाना चाहिए था, लेकिन उनका अहंकार उन्हें रोक रहा था। “गहरी चोट… अहंकार इसके लिए बिल्कुल सही शब्द है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि उन्हें इस व्यवहार का पैटर्न काफी समय बाद थेरेपी के जरिए समझ में आया। उन्होंने माना कि जब भी उन्हें गहरी चोट लगती थी, वे सामने वाले को माफ़ करने या संवाद करने की बजाय खुद को बंद कर लेते थे। इसे उन्होंने रिश्तों में ‘लाल झंडा’ बताया — एक गंभीर चेतावनी जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
ईमानदार स्वीकारोक्ति और आत्मचिंतन
आमिर खान की यह बातचीत न सिर्फ एक सुपरस्टार की निजी जिंदगी की झलक देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे आत्मचिंतन और ईमानदारी से अपनी गलतियों को स्वीकारना, किसी के भी जीवन में बदलाव ला सकता है। चाहे वह आम इंसान हो या एक सितारा — भावनात्मक परिपक्वता और संवाद की जरूरत सबको होती है।
इस तरह की बातचीत समाज में रिश्तों की जटिलताओं को समझने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।

