जब अहमदाबाद में भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा वनडे खेला जा रहा था, तो एक खास नजारा देखने को मिला। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर जब टॉस के लिए मैदान पर आए, तो दोनों ने अपनी बाहों पर हरी रंग की आर्मबैंड पहनी हुई थी। आमतौर पर क्रिकेट में काले रंग की आर्मबैंड पहनी जाती है, जो किसी दिवंगत व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक होती है। लेकिन इस बार हरे रंग की आर्मबैंड का एक विशेष कारण था – अंगदान जागरूकता अभियान।
बीसीसीआई ने इस वनडे मैच के जरिए अंगदान को बढ़ावा देने की पहल की है। भारतीय क्रिकेट टीम अहमदाबाद में इस अभियान की मेजबानी कर रही है, जिसका उद्देश्य लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक बनाना है। एक व्यक्ति अगर अपने अंग दान करता है, तो वह आठ लोगों की जान बचा सकता है। इस पहल के तहत भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर पहले ही अपने अंग दान करने का संकल्प ले चुके हैं। इसके अलावा, विराट कोहली, शुभमन गिल, मोहम्मद शमी और अन्य खिलाड़ियों ने भी बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में इस अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
बीसीसीआई ने इस पहल के बारे में एक आधिकारिक बयान में कहा, “दोनों टीमें बीसीसीआई की पहल ‘अंग दान करें, जीवन बचाएं’ का समर्थन करने के लिए हरी आर्मबैंड पहन रही हैं। इस पहल का नेतृत्व आईसीसी के चेयरमैन श्री जय शाह कर रहे हैं।”
टॉस के समय अंग प्राप्तकर्ताओं की मौजूदगी
टॉस के समय दोनों कप्तानों के साथ दो अंग प्राप्तकर्ता भी मौजूद थे – गुंजन उमंग दानी, जो फेफड़ों के प्रत्यारोपण से स्वस्थ हुए हैं, और दीप्ति विमल शाह, जिन्होंने किडनी प्रत्यारोपण कराया है। ये दोनों अंग प्राप्तकर्ता रोहित शर्मा और जोस बटलर के साथ टॉस के दौरान खड़े थे और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।
इस पहल की जमकर सराहना की जा रही है। कमेंट्री के दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने कहा, “इस प्रयास की तारीफ की जानी चाहिए। बीसीसीआई ने भारत के चिकित्सा समुदाय और डॉक्टरों की मदद के लिए जो किया है, वह काबिले-तारीफ है। शाबाश, बीसीसीआई।”
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी
मैच की बात करें तो इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने लगातार तीसरी बार टॉस जीता और इस बार उन्होंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम इस मैदान पर पिछली बार 19 नवंबर 2023 को वनडे विश्व कप फाइनल में खेली थी – एक ऐसा दिन जिसे भारतीय क्रिकेट प्रशंसक शायद ही कभी भूलेंगे। हालांकि, इस बार भारतीय टीम एक अलग और सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रही होगी।