जॉर्जिया स्थित एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने हाल ही में 133 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के SEVIS (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) रिकॉर्ड को अस्थायी रूप से बहाल करने का आदेश दिया है। इन छात्रों में से अधिकांश भारत से हैं। यह आदेश अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) और आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा छात्रों के वीजा रद्द किए जाने और SEVIS रिकॉर्ड समाप्त किए जाने के बाद आया, जिसके खिलाफ छात्रों ने न्यायालय में याचिका दायर की थी।
सरकारी एजेंसियों का कहना था कि ये छात्र कुछ कानून प्रवर्तन मुठभेड़ों से जुड़े थे, हालांकि इनमें से कई छात्रों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। छात्रों की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका पर अदालत ने उनके पक्ष में एक अस्थायी प्रतिबंध आदेश (TRO) जारी किया है, जिससे उन्हें फिलहाल राहत मिली है।
आव्रजन वकीलों का कहना है कि इन छात्रों के वीजा को अनुचित और बिना किसी ठोस आधार के रद्द किया गया, जिससे कई छात्र बिना कानूनी स्थिति के अमेरिका में फंस गए। इनमें से अधिकांश छात्रों पर कोई गंभीर कानूनी आरोप नहीं है।
इस वीजा निरस्तीकरण की कार्रवाई अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा शुरू किए गए “कैच एंड रिवोक” कार्यक्रम के बाद शुरू हुई। इस पहल के तहत छात्रों की जांच उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स के माध्यम से की जा रही है, जिसमें उनके सोशल मीडिया गतिविधियों की भी समीक्षा शामिल है। रुबियो ने पहले यह बताया था कि इस कार्यक्रम के तहत अब तक 300 से अधिक छात्र वीजा रद्द किए जा चुके हैं।
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की रिपोर्ट के अनुसार, ICE ने 20 जनवरी 2025 से अब तक 4,736 SEVIS रिकॉर्ड रद्द किए हैं। AILA द्वारा प्राप्त 327 विस्तृत रिपोर्टों से पता चला है कि इनमें से लगभग 50% छात्र भारतीय थे, जो मुख्य रूप से F-1 वीजा पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे। प्रभावित छात्रों में चीनी, नेपाली, दक्षिण कोरियाई और बांग्लादेशी छात्र भी शामिल हैं।
ज्यादातर भारतीय छात्र अमेरिका में वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (OPT) के तहत काम कर रहे थे। यह प्रशिक्षण स्नातक के बाद अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दिया जाने वाला एक अस्थायी कार्य प्राधिकरण है, जो खासकर STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) पाठ्यक्रम करने वालों के लिए होता है। OPT आमतौर पर 36 महीनों तक वैध होता है और यह H-1B जैसे कार्य वीजा के लिए आवेदन करने से पहले की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस स्थिति को खो देना इन छात्रों के अमेरिका में भविष्य को संकट में डाल सकता है।
AILA की रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों छात्रों को केवल मामूली उल्लंघनों के कारण दंडित किया गया है। कई मामलों में वीजा रद्दीकरण का कारण ट्रैफिक टिकट या विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन जैसे मामूली कारण थे। एक मामला ऐसा भी सामने आया, जहां एक छात्र ने घरेलू हिंसा का शिकार होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और इसके बाद उसका वीजा स्टेटस रद्द कर दिया गया। 327 मामलों में केवल दो मामलों में ही राजनीतिक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।
वकीलों का कहना है कि DOS और ICE द्वारा जारी किए गए वीजा निरस्तीकरण पत्रों में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या नियम नहीं होते। एक वकील ने कहा, “अमेरिका में विरोध करना कोई अपराध नहीं है, लेकिन इन छात्रों को अस्पष्ट आरोपों के कारण सब कुछ खोने का खतरा है।”
हालांकि अदालत के आदेश से SEVIS रिकॉर्ड की बहाली से कुछ राहत ज़रूर मिली है, लेकिन इस घटनाक्रम का छात्रों के भविष्य पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा, यह अब भी स्पष्ट नहीं है।

