Tuesday, June 17, 2025

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे गिरकर 85.45 पर पहुंचा

गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसे गिरकर 85.45 पर पहुंच गया। यह गिरावट अमेरिकी संघीय अदालत द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापक पारस्परिक टैरिफ आदेश को रोक दिए जाने के बाद डॉलर में आई मजबूती के चलते देखी गई। इस फैसले से वैश्विक व्यापार को लेकर अनिश्चितताओं के समाप्त होने की उम्मीदें भी बढ़ी हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अप्रैल 2025 के लिए औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों ने भी रुपये पर दबाव डाला। हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों का मानना है कि विदेशी फंडों के प्रवाह और घरेलू शेयर बाजार में खरीदारी के सकारात्मक रुझानों ने रुपये की गिरावट को सीमित किया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.56 पर खुला और शुरुआती सौदों के दौरान थोड़ा संभलकर 85.45 पर पहुंच गया, जो पिछले सत्र के मुकाबले 7 पैसे की गिरावट को दर्शाता है। बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 2 पैसे की बढ़त के साथ 85.38 पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.40 प्रतिशत बढ़कर 100.18 पर पहुंच गया। वहीं, कच्चे तेल का वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 65.62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 350.27 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,662.59 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 94.05 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,846.50 पर कारोबार कर रहा था।

एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को कुल 4,662.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे बाजार में सकारात्मक धारणा बनी रही।

वहीं, सरकार द्वारा बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2025 में औद्योगिक उत्पादन में केवल 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस मंदी का प्रमुख कारण विनिर्माण, खनन और बिजली जैसे प्रमुख क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन को माना जा रहा है।

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